नई दिल्ली।कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन आपूर्ति (Vaccine Supply) को लेकर वर्तमान में कुछ राज्यों और केंद्र के बीच में आरोपों का दौर चल रहा है।
फ़िलहाल हमारे देश में कोरोना संक्रमण के मामले बेतहाशा बढ़ रहे हैं।
सरकार ने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज करने के लिए उत्पादकों से बातचीत की है. इसी बातचीत के नतीजे के रूप में कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक (Bharat-Biotech) ने कहा है कि वह अपने उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु अग्रसर हो रही है. कंपनी के मुताबिक अब वह एक साल के भीतर 70 करोड़ वैक्सीन डोज तैयार करेगी।
कंपनी ने बताया कि हाल ही में उसे कई देशों में एमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है उसके साथ ही आगे भी 60 अन्य देशों के साथ इमरजेंसी यूज पर बातचीत जारी है. जिन देशों में उसे इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिली है, उनमें मैक्सिको, फिलिपीन्स ईरान, पराग्वे, ग्वाटेमाला, निकारगुवा, गुयाना, वेनेजुएला और बोत्स्वाना, जिम्बाब्वे जैसे देश शामिल हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे वहीं अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों में इस अनुमति को लेकर बातचीत जारी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में वैक्सीन की कीमत 15-20 अमेरिकी डॉलर प्रति डोज हो सकती है।
इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स (आइआइएल) के साथ समझौते पर चर्चा
भारत बायोटेक ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स (आइआइएल) के साथ एक समझौता किया है. टेक्नोलोजी ट्रांसफर को लेकर दोनो देशों के बीच बातचीत जारी है. आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम देश के बड़े वैक्सीन उत्पादकों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री ने वैक्सीन उत्पादकों से कहा है कि कम समय में उत्पादन बढ़ाने की कोशिश की जाए।
वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया पीएम की बैठक में
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन को सबसे अहम हथियार माना है ।केंद्र सरकार ने आगामी 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर सभी लोगों के वैक्सीनेशन की घोषणा कर चुकी है।
हाल ही में वैक्सीनेशन को बढ़ाने के लिए भारत ने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 को भी इमरजेंसी यूज की अनुमति दे दी है. इस वक्त देश में कोवैक्सीन और कोविशील्ड के जरिए ही वैक्सीनेशन किया जा रहा है. अब कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ने का फायदा सीधे तौर पर भारत को भी मिलेगा।
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