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आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ कई राज्यों में व्यापक असर रहा भारत बंद का

August 21, 2024


नई दिल्ली । आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ (Against classification in Reservation) भारत बंद (Bharat Bandh) का कई राज्यों में (In many States) व्यापक असर रहा (Had a Wide Impact) । एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण में क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ देशभर में हो रहे भारत बंद का असर बिहार, उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान व मध्य प्रदेश तक देखने को मिला ।


पटना के महेंद्रु अंबेडकर हॉस्टल के पास भारत बंद समर्थकों ने सड़कों को जाम कर दिया और मार्च निकालकर उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का विरोध किया। इसके बाद स्थानीय प्रशासन को चेतावनी देनी पड़ी कि बंद के दौरान हिंसा, तोड़फोड़ और जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बावजूद इसके, कुछ लोग शहर में दुकानों को बंद करवाने की कोशिश करने लगे। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य अमर आजाद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आज पूरा भारत बंद है। एससी-एसटी आरक्षण के साथ जो भी खिलवाड़ करेगा, उसे हम लोग छोड़ने वाले नहीं हैं। केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले को वापस करे और इस पर कानून बनाए।”

अमरजीत कुमार ने भी कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए इसे दलित समाज को बांटने वाला बताया और इसे घातक निर्णय करार दिया। साथ ही बिहार के बांका में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। विभिन्न वर्ग के लोगों ने बांका-भागलपुर मार्ग को जाम कर दिया और सड़क पर आगजनी करते हुए उच्चतम न्यायालय और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस बंद को कई समाजसेवियों और राजनीतिक पार्टियों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें बिहार में राजद और लोजपा भी शामिल हैं।

राजस्थान के कई शहरों मे भी भारत बंद का व्यापक असर रहा । अजमेर में एसटी और एससी आरक्षण में वर्गीकरण के विरोध में भारत बंद का असर व्यापक रूप से देखा  गया। शहर के सभी बाजार बंद रहे और दरगाह बाजार में भी सभी दुकानें बंद रही। बाहर से आए जायरीन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा और गरीब नवाज की दरगाह में भी जायरीनों की संख्या कम देखी गई। शहर में सन्नाटा पसरा रहा और आम दिनों की भीड़भाड़ वाले बाजार आज सुनसान नजर आए।

अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आयोजन किया। यूपी में सपा, बसपा, आजाद पार्टी समेत तमाम संगठनों ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया। लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर बसपा कार्यकर्ताओं ने अंबेडकर प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथों में आरक्षण बचाने को लेकर बैनर-पोस्टर भी देखने को मिला। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के ‘अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है’ जैसे नारे लगाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बहन जी (मायावती) के निर्देश पर समाज के लोग एकत्रित हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार ने बैक डोर से लागू करवाया। सरकार को चाहिए कि वह इस पर अध्यादेश लाए और इसे संविधान की नौवीं सूची में डाले, ताकि कोई भी सरकार इसके खिलाफ कोई फैसला न दे सके। दलितों को संविधान के तहत जो मूल आरक्षण मिला है वही हमें चाहिए। समाजवादी पार्टी के लोगों ने मिर्जापुर में कलक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। लखीमपुर में भी बसपा समेत कई अन्य संगठन के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया।

आजाद समाज पार्टी (असपा) के लोग भी झंडा-बैनर लेकर भारत बंद को सफल बनाने पहुंचे। उनके बैनर में नगीना सांसद चंद्रशेखर रावण की तस्वीर लगी थी। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि ‘आरक्षण भीख नहीं, हमारा हक है’ और उसे हम हर हाल में लेकर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आगरा में भी लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। सड़कों पर जाम जैसी स्थिति हो गई।

बसपा, दलित पैंथर, आजाद समाज पार्टी समेत कई संगठनों के लोगों ने लखनऊ के अंबेडकर पार्क में एक बैठक की। इस दौरान तमाम संगठन के लोगों ने एक सुर में कहा कि देश में संविधान सबसे बड़ा है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश वर्मा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेजकर कहा है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर तत्काल इस पर कानून बनाए, ताकि अनुसूचित वर्ग के लोगों का आक्रोश खत्म हो। गौरतलब है कि एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त के फैसले के खिलाफ बुधवार को देशभर के कई संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया। संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी।

मप्र के उज्जैन में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के आह्वान पर बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक बुधवार को भारत बंद के तहत बाजार बंद कराने के लिए निकले। उन्होंने फ्रीगंज में कुछ जगह दुकानें बंद कराई और चामुंडा चौराहे की ओर आगे बढ़ गए। बीएसपी ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। बीएसपी सुप्रीमो का कहना है कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जो नए कानून के बारे में कहा है वह एससी और एसटीएससी के विरोध में मालूम होता है। इसको लेकर हम भारत बंद कर विरोध जता रहे हैं भारत बंद के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ नजर आई। वहीं तोड़फोड़ और आगजनी की आशंका से अधिकांश दुकानें बंद रहीं। ,

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