मुंबई । स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने बताया कि भंडारा जिले में स्थित जिला सिविल अस्पताल में हुए अग्रिकांड के लिए जिम्मेदार दो सिविल सर्जन सहित 6 लोगों को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना के लिए जिम्मेदार एक डॉक्टर का तबादला किया गया है। इस घटना के बाद सूबे में सभी अस्पतालों का फायर ऑडिट करवाने का आदेश दिया गया है। मामले की छानबीन अभी भी जारी है।
राजेश टोपे ने बताया कि भंडारा के जिला सिविल अस्पताल के नवजात शिशू वार्ड में 9 जनवरी को रात में अचानक आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई थी। इनमें 3 बच्चों की मौत जलने व 7 बच्चों की मौत दम घुंटने से हुई थी। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया था। मामले की छानबीन में दोषी पाए गए सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद खंडाते, डॉ. अर्चना मेश्राम , नर्स ज्योति भास्कर, नर्स स्मिता आंबीददुलके,नर्स शुभांगी साठवणे व सुशील अबाते को निलंबित कर दिया है। इसी तरह डॉ. सुनीता बड़े का तबादला कर दिया गया है। इस घटना की गहन छानबीन जारी है।
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