जयपुर: राजस्थान में जल्द ही बीजेपी की भजनलाल सरकार धर्मांतरण के खिलाफ नया कानून लाएगी. इसके लिए तैयारियां की जा रही है. हालांकि राजस्थान में पूर्व में भी धर्मांतरण के खिलाफ बिल लाया जा चुका है लेकिन उसे राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली थी. लिहाजा अब सरकार नए सिरे इस बिल का ड्राफ्ट तैयार करवा रही है. इसमें उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर जबरन और लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कड़े प्रावधान किए जाएंगे. सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रदेश में लव जिहाद जैसे मामलों पर अंकुश लग पाएगा. नए बिल में लिव इन रिलेशन में रहने वालों के लिए भी रजिस्ट्रेशन जैसी शर्त जोड़ी जा सकती है.
देश के अन्य हिस्सों की तरह राजस्थान में भी आए दिन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते रहते हैं. कुछ समय उन पर हो हल्ला मचता है और बाद में बयानों से होता हुआ मामला दफ्तर दाखिल हो जाता है. राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर पर स्थित प्रदेश में मेवात इलाके के भरतपुर और अन्य जगहों समेत धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आ चुके हैं. पिछले दिनों शेखावाटी के झुंझुनूं में भी लालच देकर जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था. इससे पहले जयपुर के ग्रामीण इलाके चौमूं में बड़ा मामला सामने आ चुका है.
सूबे में बीजेपी सरकार आने के बाद से बीजेपी के कई विधायकों ने धर्मांतरण से जुड़ा बिल फिर से लाए जाने की मांग की थी. भाजपा के ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत भी मगरा इलाके में धर्मांतरण की घटनाओं को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं. उसके बाद भजनलाल सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी. बताया जा रहा है कि गृह विभाग इसको लेकर बिन्दु तय करने में जुटा है. बिल में जुर्माने और सजा के प्रावधानों को पहले वाले बिल से कड़ा किया जा रहा है. भजनलाल सरकार राज्य सरकार की इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी पेश कर चुकी है.
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