चैट : मेरी लाइफ मुझसे दूर चली गई जीजू… सबको हिलाकर चलाकर गया मेरा आदमी…
इंदौर। भय्यू महाराज (Bhaiyu Maharaj) सुसाइड मिस्ट्री (Suicide Mystery) में सबसे दिलचस्प बात यह है कि नौकरानी पलक (Palak) खुद को ‘पत्नी’ मान बैठी थी। वह शादी से पहले से लेकर सुसाइड (Suicide) के बाद तक महाराज (Maharaj) की पत्नी के रूप में बर्ताव करती थी। ये तथ्य वॉट्सऐप (Whatsapp) पर उसकी पर्सनल चैट (Personal Chat) से उजागर हुए हंै। कोर्ट ने भी अपने फैसले में माना है कि महाराज को अपना पति मानती थी, जबकि उसकी हैसियत केवल सेवादार जितनी थी।
सेशन कोर्ट (Session Court) के 56 पेज के फैसले को देखें तो कई खुलासे होते हैं। इसमें मामले की चश्मदीद गवाह महाराज की बहन मधुमती ने कोर्ट में दिए बयान में बताया था कि महाराज की दूसरी शादी की तैयारी के दौरान पलक महाराज के कमरे में आई थी। उसने खुद अपनी आंखों से देखा था कि पलक महाराज के पैरों की तरफ बैठी रो रही थी और कह रही थी कि ‘आप यह शादी नहीं कर सकते।’ इस बयान का बचाव पक्ष ने कहीं खंडन नहीं किया न उसे झुठलाने की कोशिश की। साफ था कि पलक महाराज पर आयुषी (Ayushi) के बजाय खुद से शादी करने का दबाव बना रही थी। स्वयं आयुषी ने कोर्ट में बयान देकर बताया था कि महाराज से पलक अधिक पैसों की मांग कर रही थी। महाराज ने इसे देने में असमर्थता जताई तो उसने कहा था कि ‘अपनी पत्नी (आयुषी) को घर से निकाल दें और उससे शादी कर लें।’ पलक द्वारा महाराज पर शादी का दबाव बनाने की बात गवाह निवेश बडज़ात्या, मनमीतसिंह, मनोहर जोशी के बयानों में भी सामने आई थी। निवेश का तो यह तक कहना था कि उसने देखा कि पलक का व्यवहार पुत्री की तरह नहीं था। वह गुरुजी को अपने हाथों से खिलाती थी और उनका हाथ पकड़ लेती थी। उनके रिलेशन व्यवहार से ही दिखते थे।
इसी हफ्ते हाईकोर्ट में दाखिल होगी अपील
तीनों मुजरिम सजा के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) में अपील की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक संभवत: इसी हफ्ते हाईकोर्ट में अपील दाखिल हो जाएगी, जिसमें सेशन कोर्ट के फैसले को पलटने की मांग की जाने वाली है। चूंकि सुसाइड नोट को सेशन कोर्ट ने असली माना है, किंतु उसे स्वस्थचित्त दशा में लिखना नहीं माना है, इसलिए सुसाइड नोट को ही अपील में मुख्य आधार बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि सुसाइड नोट में महाराज ने स्वेच्छा से जान देने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट की कई नजीरों में सुसाइड नोट को मृतक का काफी अहम बयान माना गया है। ऐसे में मुलजिम अपने बचाव में इसी को केंद्र में रख सकते हैं।
वाट्सऐप चैट के 100 स्क्रीन शॉट कोर्ट में पेश… शादी नहीं होने देना चाहती थी पलक…
पुलिस ने पलक का मोबाइल जब्त कर उसकी वॉट्सऐप (Whatsapp) चैट के 109 स्क्रीन शॉट कोर्ट में पेश किए थे, जिनमें किसी पीयूष जीजू के नाम से सेव नंबर पर पलक ने कुछ ऐसे वाक्य लिखे थे, मानो किसी महिला का सुहाग उजड़ गया हो, मसलन ‘मेरा पति मरा है, उसकी मैयत में नहीं जाओगे आप।’ ‘मेरी लाइफ मुझसे दूर चली गई जीजू’, ‘सबको हिला के चला गया मेरा आदमी।’ ये तमाम बातें पलक के खिलाफ गईं और साबित हो गया कि पलक भय्यू महाराज (Bhaiyu Maharaj) की शादी आयुषी के साथ नहीं होना देना चाहती थी और महाराज के अपने फैसले से नहीं डिगने के बाद भी उन्हें धमका रही थी, जिससे उन्हें समाज में अपनी प्रतिष्ठा खोने का भय उत्पन्न हो गया था। इस काम में उसकी मदद सेवादार विनायक दुधाले व शरद कर रहे थे, जिन्हें जज धर्मेंद्र सोनी ने आत्महत्या के लिए उकसाने पर पलक के साथ छह साल की सजा सुनाई है। खास बात यह है कि महाराज की पुत्री कुहू ने पलक और महाराज के बीच की वॉट्सऐप पर पर्सनल चैट पढ़ी थी। उसने कोर्ट में स्वीकारा था कि वह ये चैट पढक़र परेशान हो गई थी। हालांकि उसने चैट पढऩे के बाद पलक से इस बारे में बात नहीं की थी।
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