अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा से निकली कई प्रतिभाएं आज टीवी, बॉलीवुड, खेल समेत कई क्षेत्रों में अपने हुनर के दम पर राज्य का नाम रोशन कर रही हैं. आज हम आपको अल्मोड़ा की ऐसी फुटबॉलर (Almora Football Player) से मिलाने जा रहे हैं, जिसने बिना कोच के प्रैक्टिस की और फुटबॉल के खेल में नाम कमाया.
इस खिलाड़ी का नाम भगवती चौहान (Bhagwati Chauhan) है. भगवती ने अल्मोड़ा के हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम से प्रैक्टिस करनी शुरू की. कोच न होने के बावजूद भी उन्होंने यहां खेलना शुरू किया. हालांकि शुरुआती दौर में फुटबॉल के सीनियर खिलाड़ियों ने उन्हें यह खेल सिखाया.
भगवती चौहान ने खास बातचीत में कहा कि उन्हें अपने भाइयों को देखकर फुटबॉल खेलने का शौक लगा था. इसके बाद उन्होंने 13 साल की उम्र से ही अल्मोड़ा स्टेडियम आना शुरू कर दिया था. स्टेडियम में कोच नहीं होने के बावजूद भी उन्होंने प्रैक्टिस शुरू की.
भगवती ने आगे कहा कि उन्हें कई लोग कहते थे कि फुटबॉल में लड़कियों के लिए कुछ नहीं है और फुटबॉल में कोई करियर नहीं है. इसके बावजूद भी वह करीब 9 साल से अल्मोड़ा के हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रही हैं. भगवती का घर स्टेडियम से करीब चार किलोमीटर दूर है. घर से सुबह और शाम प्रैक्टिस करने के लिए वह स्टेडियम पहुंच जाती थीं, जिस वजह से उनकी माताजी काफी गुस्सा भी होती थीं.
फिर ऐसे चमकी भगवती की किस्मत
भगवती ने दिल्ली में हुए एक फुटबॉल टूर्नामेंट में 12 गोल कर ‘गोल्डन बूट’ अपने नाम किया था. वह आईडब्ल्यूएल भी खेल चुकी हैं. अन्य कई फुटबॉल प्रतियोगिताओं में भी उन्हें गोल्डन बूट खिताब से नवाजा जा चुका है. भगवती ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से प्रैक्टिस कर रही हैं और वह अपने गेम में और भी अच्छा करना चाहती हैं, जिसके लिए वह अच्छे से अच्छे कोच से प्रशिक्षण लेना चाहती हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगर उन्हें भारतीय फुटबॉल टीम में खेलने का मौका मिलेगा, तो वह देश का नाम जरूर रोशन करेंगी.
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