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    मंगलनाथ मंदिर में भात पूजा की रसीद कम्प्यूटर की जगह हाथ से बनाई जा रही है

  • June 28, 2024

    • बगैर सरकारी आदेश के मंदिर पर होने वाली भात पूजा की कम्प्यूटर रसीद को बंद कर दिया गया
    • 2019 में गबन करने वाले कर्मचारी को कलेक्टर शशांक मिश्रा ने हटाया था वापस हुई नियुक्ति।
    • यही कर्मचारी 2022 में गड़बड़ी करने पर फिर हुआ था बाहर 6 महीने बाद वापस हुई नियुक्ति।
    • अगस्त 2023 में भात पूजन के रसीद कट्टे पर कांट-छांट कर गबन किया गया था जिसकी जांच आज तक अधूरी।

    उज्जैन। मंगलनाथ मंदिर में भात पूजा एवं अभिषेक की रसीद को लेकर अनियमितता हो रही है और कभी भी बड़ा घोटाला सामने आ सकता है तथा पूर्व में भी ऐसे मामलों में कार्रवाई हुई है। जो रसीद दी जा रही है वह भी कम्प्यूटर की नहीं हैं तथा हाथ से बनाई जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।


    महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद लाखों की संख्या में देशभर से श्रद्धालु उज्जैन आ रहे हैं। महाकाल दर्शन करने के बाद श्रद्धालु काल भैरव मंदिर और मंगलनाथ मंदिर भी पहुँचते हैं। मंगलनाथ मंदिर में की गई मंगल की पूजा का जो महत्व है वो कहीं और नहीं है। मान्यता है कि यहाँ पूजा अर्चना करने वाले हर जातक की कुंडली के दोषों का नाश हो जाता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है वो अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए मंगलनाथ मंदिर में भात पूजा करवाने आते हैं। मंगलनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने से कुंडली में उग्र रूप धारण किए हुए मंगल ग्रह की शांति हो जाती है। उज्जैन नगरी पुराणों में मंगल की जननी यानि मंगल ग्रह की उत्पत्ति का केंद्र है। यहाँ अमंगल को मंगल में बदलने वाले भगवान मंगलनाथ हैं। इस मंदिर में देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग अपनी कुंडली के मंगल दोष के निवारण के लिए आते हैं। मंगलनाथ पर प्रतिदिन हो रही भात पूजा में वृद्धि को देखते हुए उज्जैन कलेक्टर रहे आशीष सिंह ने मंदिर में पूजन के लिए दी जाने वाली रसीद का कम्प्यूटरीकरण किया था। मंदिर में होने वाली पूजन और अन्य रसीदों में ली जाने वाली राशि में पारदर्शिता रहे इस उद्देश्य से कम्प्यूटर रसीद की शुरुआत की गई थी। यह व्यवस्था कुछ महीनों तक चली और बगैर सरकारी आदेश के मंगलनाथ मंदिर प्रबंधकों द्वारा मनमाना निर्णय लेते हुए कम्प्यूटर रसीद को बंद कर पुन: रसीद कट्टे से मंगलनाथ मंदिर पर होने वाली भात पूजा सहित अन्य सभी पूजा की रसीदें दी जाने लगी। रसीद कट्टे द्वारा दी जाने वाली रसीद के मामले में भ्रष्टाचार की कई शिकायतें अधिकारियों के पास पहुँची हैं। मंगलनाथ मंदिर के साथ ही अंगारेश्वर मंदिर में भी भात पूजा की जाती है यहाँ रसीद भी रसीद कट्टे के द्वारा ही दी जा रही है। मंगलनाथ मंदिर में गबन और भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व में निकाले गए कर्मचारियों को कैश काउंटर सहित प्रमुख पदों पर पुन: बिठा दिया गया है जिसको लेकर भी मंदिर के कुछ पंडे पुजारी में आक्रोश है। मंदिर से मिली जानकारी के अनुसार 2023 में भात पूजन के रसीद कट्टे पर कांट-छांट कर गबन किया गया था जिसकी जाँच आज तक चल रही है। वर्तमान में जून माह में रसीद कट्टे से कुछ पेज गायब मिले हैं, जिसकी शिकायत भी की गई है। उज्जैन कलेक्टर इस मामले में जाँच कर मंगलनाथ मंदिर में पुन: कम्प्यूटरीकृत रसीद व्यवस्था की शुरुआत करवायें। मंदिर प्रशासक भी दोषी कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधित मामले पर कार्रवाई करें।

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