नई दिल्ली। बाजार में कुछ लोग धोखाधड़ी से विभिन्न ऑनलाइन या ऑफलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से पुराने बैंक नोट और सिक्कों की खरीद और बिक्री से संबंधित लेनदेन में जनता से शुल्क, कमीशन या कर की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नाम और लोगो का इस्तेमाल कर रहे हैं।
केंद्रीय बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक का ऐसे मामलों से कोई लेना-देना नहीं है। केंद्रीय बैंक कभी भी किसी प्रकार का शुल्क या कमीशन की मांग नहीं करता है और बैंक ने अपनी ओर से इस तरह के लेनदेन में शुल्क लेने के लिए किसी भी संस्था, फर्म, व्यक्ति इत्यादि को अधिकृत नहीं किया है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने जनता को अलर्ट किया है और कहा है कि आरबीआई के नाम का उपयोग करने वाले ऐसे फर्जी और धोखाधड़ी प्रस्तावों के माध्यम से धन निकालने वाले तत्वों का शिकार न बनें।
It has come to the notice of Reserve Bank of India that certain elements are fraudulently using name/logo of RBI, and seeking charges/commission/tax from public, in transactions related to buying and selling of old banknotes & coins through various online/ offline platforms: RBI pic.twitter.com/tUcpsylRcM
— ANI (@ANI) August 4, 2021
मालूम हो कि यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय बैंक ने खुद सामने आकर किसी भी तरह के फ्रॉड को लेकर लोगों को अलर्ट किया हो। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने अपने ‘आरबीआई कहता है’ अभियान के तहत लोगों को कई तरह की वित्तीय धोखाधड़ी से बचने को लेकर आगाह किया है।
आरबीआई ने भुगतान प्रणाली परिचालकों (पीएसओ) की गतिविधियों की आउटसोर्सिंग को लेकर नियम जारी किए हैं। इसके तहत पीएसओ मुख्य प्रबंधकीय कामकाज को आउटसोर्स नहीं करेंगे। इनमें जोखिम प्रबंधन और आंतरिक ऑडिट, अनुपालन और निर्णय लेने संबंधी कामकाज, जैसे केवाईसी नियमों के तहत अनुपालन तय करना शामिल है।
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