भोपाल। साइबर ठग ब्लूटूथ के जरिए भी मोबाइल के साथ पेरिंग कर मोबाइल से बैंक खाते की जानकारी हासिल कर सकते हैं। करीब 50 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए यह खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि किसी अनजान के ब्लूटूथ के साथ पेरिंग हो गई तो वह बैंक खाते, ई-वॉलेट की जानकारी के साथ पूरा मोबाइल एक्सेस कर सकता है। आपका कॉल सुनने के साथ कैमरे पर भी उसका अधिकार हो सकता है। हाल ही में एक युवक ने पुलिस से आशंका जताई कि उसके कॉल कोई और भी सुन रहा है। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लूटूथ की पेरिंग के बाद मालवेयर ऐप अपलोड करने से ऐसा संंभव है। एक स्थान पर सैकड़ों ब्लू टूथ ऑन रहते हैं और बदमाश अपने ब्लू टूथ की किसी के मोबाइल से पेरिंग की फिराक में रहते हैं। पेरिंग हो गई तो मोबाइल की पूरी जानकारी दूसरे के पास जा सकती है। विशेषज्ञ मोबाइल फारमेट कर देते हैं, जिससे पेरिंग खत्म हो जाती है लेकिन अगली बार फिर ऐसा होने का खतरा रहता है।
शुक्रवार रात या शनिवार को अधिक सक्रिय
रावल का कहना है कि साइबर ठगी होने पर शुरुआती 72 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं, जिसमें जांच एजेंसी ठगी की राशि फ्रिज कराकर वापस कराती है। इसलिए बदमाश शुक्रवार रात से शनिवार को ज्यादा सक्रिय रहते हैं। शनिवार को बैंक बंद रहते हैं, जांच एजेंसियां भी शनिवार-रविवार को सामान्यत: काम बंद रखती हैं, इसलिए पीडि़त को तुरंत सहायता मिलने में देरी होती है। ठगी के करीब 60 प्रतिशत केस वीकेंड पर ही होते हैं।
मालवेयर, स्पा ऐप से कुछ भी संभव
साइबर क्राइम विशेषज्ञ गौरव रावल के मुताबिक, आमतौर पर बैंक की जानकारी मोबाइल में होती है, जिसे ब्लू टूथ पेरिंग से ठग हासिल कर खाता खाली कर सकता है। कई मालवेयर सॉफ्टवेयर ब्लू टूथ पेरिंग के जरिए मोबाइल में भेजे जा सकते हैं और उनका पता भी नहीं चलेगा। मालवेयर, स्पा ऐप किसी के मोबाइल में भेजकर उसकी बातें सुनी जा सकती है, मोबाइल के कैमरे का इस्तेेमाल भी कर सकते हैं। कई लोग पुलिस से शिकायत करते हैं कि उन्हें शक है कि कोई उनकी बात सुन रहा है।
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