बैतूल: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले (Betul district of Madhya Pradesh) की एक महिला सरपंच ने वो कर दिखाया जो पुलिस एक महीने में भी नहीं कर सकी थी. मोहदा थाना क्षेत्र के एक गांव से नाबालिग आदिवासी लड़की एक महीने से लापता थी. लड़की को महाराष्ट्र के अकोला जिले (Akola district of Maharashtra) में रहने वाले इस्माइल नाम के युवक ने मजदूरी करवाने का झांसा देकर अगवा कर लिया था. पहले लड़की को हैदराबाद में रखा गया और फिर उसे अकोला ले जाया गया. एक महीने तक लड़की का शारीरिक शोषण किया गया और उसे बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया.
लड़की के परिजनों ने कई बार पुलिस से मदद मांगी, लेकिन पुलिस ने लड़की को वापस लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए. जब गांव की महिला सरपंच को ये बात मालूम चली तो उसने गजब का साहस दिखाया और गांव के कुछ युवकों को लेकर अकोला पहुंच गई. यहां मालूम हुआ कि इस्माइल, लड़की को लेकर मुंबई भागने की फिराक में था. महिला सरपंच ने मुंबई हाइवे पर घेराबंदी करके इस्माइल को पकड़ लिया और लड़की को उसकी कैद से मुक्त करवा लिया. लड़की की हालत बेहद नाजुक थी. एक महीने तक उसके साथ बेहद अमानवीय बर्ताव किया गया था.
महिला सरपंच के मुताबिक अकोला में लोगों ने विवाद की वजह पूछी और मामला उलझता देख महिला सरपंच ने खुद को एमपी पुलिस बताकर. वहां से निकलने का रास्ता आसान किया. महिला सरपंच और गांव के युवक दोनों को लेकर बैतूल वापस आए. बैतूल पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है और अब पुलिस जांच की बात कह रही है. इस मामले में पुलिस से ज्यादा महिला सरपंच की भूमिका काबिल-ए-तारीफ है वरना पुलिस के भरोसे ये तय नहीं था कि लड़की कब और कैसे वापस बैतूल आ पाती?
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