बैतूल। मशहूर फिल्म अभिनेत्री कंगना रणोत (Kangana Ranaut) द्वारा एक कार्यक्रम में दिए गए विवादित बयान में आजादी को भीख (begging) में मिलना बता दिया है। बकौल कंगना (Kangana Ranaut) 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है, वह 2014 में मिली।
कंगना के इस बयान पर बैतूल, हरदा-हरसूद सांसद दुर्गादास उइके ने नाराजगी जताते हुए कहा कि भारत देश को आजादी दिलाने में अपने प्राणों की आहूति देने वालों पर इस तरह से टिप्पणी करना बेहद गलत बात है। उन्होंने कंगना के बयान की निंदा करने के साथ ही यह भी कहा कि इस बयान की सभी को निंदा करनी चाहिए। सांसद ने कहा कि जिन सेनानियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया, उसे नकारा नहीं जा सकता।