बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल में धर्मांतरण (Religious Conversion) के मुद्दे पर गत दिवस जमकर बवाल हुआ। हिन्दू संगठनों ने कथित रूप से प्रार्थना के लिए इकट्ठा हुए लोगों के धर्म परिवर्तन (Conversion of Adivasis) का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद पुलिस ने दो पादरी सहित मकान मालिक को हिरासत में लेकर धारा 144 के उल्लघंन का मामला दर्ज किया। पुलिस धर्मांतरण के आरोपों की भी जांच कर रही है ।
जानकारी के मुताबिक बैतूल के आदिवासी बाहुल्य इलाके भैंसदेही के गदराझिरी मेंं ग्रामीण गुणवंत लोहार ने 2007 में धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म अपना लिया था। उसके घर में एक हॉल के निर्माण के बाद होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम में करीब 400 आदिवासी ग्रामीण प्रार्थना सभा के लिए इकट्ठा हुए थे। इसकी जानकारी मिलते ही मौके पर दर्जनों की तादाद में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता पहुंच गए। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने आरोप लदाया कि आदिवासी समाज के लोगों को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं के बीच इसको लेकर जम कर विवाद हुआ। इस दौरान ग्रामीणों से उनकी मामूली झड़प भी हुई।
इसके बाद सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने वहां एकत्रित हुए ग्रामीणों को उनके घरों को वापस भेज दिया। पुलिस ने घर के मालिक गुणवंत मालेदार और बैतूल के ऐंजेलिक चर्च ऑफ इंडिया के दो पादरियों पी हेमलेन जवासरगुनम और रेगलिन इमानवेल को धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया है। तीनों के खिलाफ पुलिस ने धारा 188 के तहत कार्यवाही की है। तीनों पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना गाइडलाइन के तहत लागू धारा 144 का उल्लंघन किया है इसके अलावा धर्मांतरण के आरोपों की जांच भी की जा रही है। इधर, गुणवंत ने भी पुलिस को एक शिकायत आवेदन लिया है।
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