नई दिल्लीः सट्टेबाजी का कारोबार करोड़ों का है और करोड़ों कमाने वाले सरकार द्वारा लगाए बैन से बचने के नए-नए रास्ते निकाल रहे हैं. Mahadev App पर केंद्र सरकार ने भले ही बैन लगा दिया है लेकिन फिर भी सट्टेबाजी ऐप चलाने वालों का कारोबार फल-फूल रहा है. आप भी सोच रहे होंगे कि वाकई ये बात काफी चौंकाने वाली है कि आखिर बैन लगने के बाद भी सट्टेबाजी ऐप चलाने वाले कैसे करोड़ों कमा रहे हैं.
बता दें कि सट्टेबाजी ऐप्स चलाने वाले लोग सरकार द्वारा बैन लगाए जाने के बाद एक नई चाल चलते हैं और डोमेन और ऐप/साइट का नाम बदलकर फिर से गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर देते हैं. Betting Apps का कारोबार करोड़ों का है और पैसों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए हवाला और बिटक्वाइन वॉलेट का इस्तेमाल किया जाता है.
Mahadev App के पीछे के मास्टरमाइंड ने अब महादेव ऐप पर बैन लगने के बाद एक नया ऐप शुरू किया है. इस बार ऐप का नाम थोड़ा बहुत बदला गया है, Mahadev Khiladi App. इस तरह से ऐप को नए नाम से उतारकर या फिर साइट का डोमेन चेंज कर, इन लोगों का ये गैरकानूनी काम बिना रुके फल-फूल रहा है.
ऐप बनाने में लगता है कितना समय?
अब तक सामने आई कई रिपोर्ट्स में साइबर एक्सपर्ट्स के हवाले से इस बात की जानकारी दी गई है कि एक मोबाइल ऐप बनाने में कुछ घंटे से लेकर एक दिन तक का समय लग सकता है. केवल इतना ही नहीं, Google Play Store पर किसी भी ऐप को लिस्ट करने में अधिकतम तीन दिनों का समय लगता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहले इन सब चीजों में ज्यादा समय लगता था.
ऐप पर बैन लगने के बाद इन ऐप्स के पीछे के मास्टरमाइंड ऐप का नाम बदलकर फिर से इन ऐप्स को लोगों के लिए पेश कर देते हैं. अब ऐसे में सरकार को नियमों को और भी सख्त करने की जरूरत है ताकि इस तरह के ऐप्स पर शिकंजा कसा जा सके.
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