भोपाल।प्रदेश में बेटी बचाओ अभियान नए सिरे से चलाया जाएगा। अभियान के तहत बेटियों के जन्म से लेकर शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तीकरण जैसे हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सरकार प्रदेश की नई पोषण नीति पर भी काम कर रही है, जो जल्द ही अंतिम रूप लेगी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जिसमें गंभीर कुपाषित बच्चों का एकीकृत प्रबंधन कार्यक्रम लागू किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि हम कुपोषण को पूरी तरह से समाप्त करेंगे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव अशोक शाह, प्रमुख सचिव मनोज गोविल आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए सघन प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत उनका नियमित रूप से वजन लिया जा रहा है। पोषण आहार देना, सामान्य कुपोषित बच्चों का समुदाय स्तर पर उपचार एवं पोषण प्रबंधन, अतिरिक्त पोषण आहार प्रदाय, गंभीर कुपोषित बच्चों का पोषण पुनर्वास केंद्रों पर उपचार एवं देखभाल आदि कार्य किए जा रहे हैं। पोषण सेवाओं की मॉनीटरिंग के लिए ‘पोषण डैशबोर्ड तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पोषित परिवार-सुपोषित मध्य प्रदेश कार्यक्रम के तहत गंभीर कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार होने पर परिवार को प्रोत्साहन राशि दी जाती है और सम्मान किया जाता है।
400 लाड़ली लक्ष्मी 11वीं एवं 12वीं कक्षा में
अधिकारियों ने बताया कि लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने वाली बालिकाओं में से लगभग 400 बालिकाएं 11वीं एवं 12वीं कक्षा में पहुंच गई हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि इन बालिकाओं की उच्च शिक्षा एवं कॅरियर निर्माण आदि पर ध्यान दिया जाए।
सात शहरों में सेफ सिटी कार्यक्रम
महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश के सात शहरों में सेफ सिटी कार्यक्रम शुरू किया है। अगले एक साल में इसका विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाना है। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों, परिवहन आदि में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण निर्मित किया जाएगा तथा सामुदायिक जागरूकता लाई जाएगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका
प्रदेश के 62,500 आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका बनाई जा रही हैं। सभी केंद्रों में ग्राम आरोग्य केंद्र का विस्तार किया जा रहा है। अभी 51,500 केंद्रों में ये स्थापित हैं।
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