नई दिल्ली । गाजा (Gaza) में जंग को आगामी कुछ महीनों में दो साल हो जाएंगे, लेकिन अभी तक इजरायल (Israel) अपने बंधकों की रिहाई नहीं करवा पाने में हताश और गुस्से में है। अपनों को छुड़ाने के लिए इजरायली सेना (Israeli Army) गाजा में भीषण नरसंहार कर चुकी है और 50000 से ज्यादा को मौत के घाट उतार चुकी है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने कहा कि यदि हमास इजरायली बंधकों को वापस नहीं करता है, तो आईडीएफ गाजा में और अधिक दबाव डालेगा। इसमें पूरे क्षेत्र पर कब्जा करना और अन्य कदम उठाना शामिल होंगे।
नेतन्याहू ने बुधवार को संसद में विपक्ष के तीव्र हंगामे और सवालों का जवाब देते हुए गाजा में हमास से इजरायली बंधकों की वापसी न होने पर और भी कठोर कदम उठाने की चेतावनी दी। विपक्षी नेता यायर लापिद ने 2025 के राष्ट्रीय बजट को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए इसे देश की सबसे बड़ी चोरी करार दिया, वहीं नेतन्याहू ने लोकतंत्र और सरकारी शक्ति पर अपने विचार रखते हुए विपक्ष के आरोपों का मजबूती से खंडन किया।
नेतन्याहू का यह बयान संसद में बहस के दौरान आया। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक संक्षिप्त भाषण दिया, जिसके बाद प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता ने अपनी-अपनी बातें रखी। नेतन्याहू ने अपने भाषण में विपक्ष के नेताओं द्वारा उठाए जा रहे सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र खतरे में नहीं है, ब्यूरोक्रेसी खतरे में है।” दरअसल, एक दिन पहले विपक्ष ने संसद में नेतन्याहू सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
इजरायल में उठ रहे विरोध पर नेतन्याहू का जवाब
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने जवाब में कहा, “लोकतंत्र, सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, लोगों का शासन है। यह अधिकारियों का शासन नहीं है, न ही पूर्व नेताओं का शासन है, और न ही मीडिया का शासन है। लोकतंत्र में, लोग सर्वोच्च होते हैं और वे चाहते हैं कि उनका वोट नीतियों में परिलक्षित हो। इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार के पास असीमित शक्ति है। हमारे पास तानाशाही शासन नहीं है, लेकिन यह उम्मीद करना भी असंभव है कि सरकार की शक्ति नगण्य हो।”
इतिहास की सबसे लुटेरी सरकार- विपक्ष
विपक्षी नेता एमके यायर लापिद ने 2025 के राष्ट्रीय बजट पर केंद्रित किया, जिसे मंगलवार को कानून बना दिया गया। लापिद ने नेतन्याहू से कहा, “आपने कल देश के इतिहास की सबसे बड़ी चोरी की। आप इजरायली मध्यम वर्ग का शोषण कर रहे हैं, उसे निचोड़ रहे हैं, सिर्फ एक उद्देश्य के लिए: राजनीतिक रूप से जीवित रहने के लिए।”
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