डेस्क: अपने ट्रैफिक जाम के लिए मशहूर बेंगलुरु में बुधवार को ऐसा जाम लगा कि स्कूल से छुट्टी होने के बाद बस से जाने वाले बच्चे अपने-अपने घरों में देर शाम करीब 8 बजे तक पहुंचे. इस दौरान उनके पैरेंट्स चिंता करते रहे लेकिन उनके पास कोई ऑप्शन नहीं था. वह अपने बच्चों को ट्रैफिक की वजह से लेने भी नहीं जा सकते थे. पैरेंट्स इस परिस्थिति में सोसायटी वॉट्स ग्रुप्स पर चर्चा करते रहे.
जानकारी के मुताबिक बुधवार को बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड पर भीषण जाम लग गया. जाम इतना लंबा था कि घंटों तक लोग खड़े रहे. कई गाड़ियों में तो खराबी आ गई जिसकी वजह से वह गाड़ियां भी ट्रैफिक में फंसी रही. इस जाम से निकलने वाले करीब 5 घंटे तक इसी में फसे रहे. ट्विटर पर कई लोगों ने इस मामले में अपने विचार व्यक्त किए हैं. ओआरआर यानी आउटर रिंग रोड के अलावा कई रूट्स पर भयंकर जाम की स्थिति बनी रही.
दरअसल एक दिन पहले ही किसानों और कन्नड़ के ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ संगठन ने बेंगलुरु बंद के किया था. इस बंद को तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के विरोध में बुलाया गया था. इस बंद के एक दिन बाद यह स्थिति बनी कि आम लोगों को सड़क पर निकलना और अपने डेस्टीनेशन तक पहुंचना दूभर हो गया. यूजर्स ने ट्विटर पर जमकर भड़ास निकाली. एक यूजर ने लिखा कि वह पिछले 3 घंटों से जाम में फंसा है और सिर्फ 5 किलोमीटर चल पाया है. वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि वह दो घंटे बिताने के बाद सिर्फ 1 किलोमीटर ही आगे बढ़ सका है.
बेंगलुरु के ओआरआर, मराठाहल्ली, सरजापुरा और सिल्कबोर्ड के रास्तों पर जाम लगा रहा. जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने अपने दूसरे सहकर्मियों को सलाह दी कि वह रात 9 बजे के पहले अपने ऑफिस ने बाहर न निकलें नहीं तो उन्हें इस जाम का सामना करना पड़ेगा. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी लिखा कि अगर ऑफिस से निकल ही रहे हैं तो कम से कम इन रास्तों को अवोइड करें.
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