बेंगलुरु। अपराध से जुड़ी हैरतअंगेज घटनाएं (amazing events) जहां फिल्म निर्माण की प्रेरणा (inspiration for filmmaking) बनती हैं, तो वहीं कुछ फिल्मों से अपराधी अपनी योजनाएं बनाते हैं। बेंगलुरू (Bangalore) में भी ऐसा कुछ हुआ. यहां के अनेकल इलाके में रहने वाले एक परिवार ने फिल्म दृश्यम (movie drshyam) से प्रेरित होकर अपराध की प्लानिंग की, लेकिन वे पुलिस से बच नहीं सके। दृश्यम में फिल्म का नायक अपने परिवार के साथ मिलकर ऐसा प्लान बनाता है कि अपराध के बावजूद पुलिस उसे पकड़ नहीं पाती, लेकिन ऐसा हकीकत में संभव नहीं होता. इस फिल्म में नायक और परिवार का हर सदस्य पुलिस पूछताछ में एक ही कहानी को बार-बार दोहराता है, ताकि वह सच लगे। ऐसा करते हुए वे पुलिस के शिकंजे से बच जाते हैं।
स्थानीय अनेकल इलाके में रहने वाले एक परिवार और दो अन्य करीबी सहयोगियों ने भी ऐसी कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने आखिरकार उन्हें पकड़ लिया. दरअसल परिवार का मुखिया रविप्रकाश (55), उसका बेटा मिथुन कुमार (30), बहू संगीता और बेटी आशा और दामाद नल्लू चरण ने प्लान बनाया था। इसमें मिथुन के ड्राइवर दीपक और दोस्त आसमा ने साथ दिया था। इस गिरोह ने प्लान बनाकर घर का सोना दलाल के पास गिरवी रख दिया और फिर सबने ऐसा नाटक किया कि यह सोना, उनसे लूट लिया गया है।
सोना लुट जाने का ड्रामा भी किया गया. जब इस गिरोह के प्लान से बेखबर पुलिस ने छानबीन की तो उसे कुछ नहीं मिल सका. लेकिन यह गिरोह लूट के ड्रामे के बावजूद साफ बच गया. इसके बाद गिरोह ने बड़ी प्लानिंग की. इसमें आशा ने 19 सितंबर 2021 को सरजापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि जब वह कपड़े खरीदने दुकान में गई थी तब उसका बैग चोरी हो गया. इस बैग में 30,000 रुपए नकद, एक मोबाइल फोन और 1250 ग्राम सोना था।
उसने बताया कि एक आदमी कपड़े की दुकान में घुस आया था और बैग लेकर भाग गया. पुलिस ने जांच शुरू की तो परिवार के सदस्यों ने एक जैसे विवरण दिए. लेकिन दीपक पर पुलिस को शक हो गया. जब पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारे राज उगल दिए।
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