इंदौर। बेंगलुरु (Bengluru) की फर्म ईएफआई (EFI) द्वारा शहर के तीन तालाबों को संवारने का काम शुरू किया गया था, जो अब पूरा कर लिया गया है। तीनों तालाबों को संवारने के लिए तीन करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की गई। आने वाले दिनों में छोटा बांगड़दा और लिंबोदी तालाब को संवारने का काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा इसी संस्था ने सात स्थानों पर अहिल्या वन भी अपने खर्च पर बनाए हैं।
एक साल पहले नगर निगम से बेंगलुरु की फर्म ईएफआई (इन्वायर्नमेंटल फाउंडेशन आफ इंडिया) ने शहर के कनाडिय़ा, टिगरिया बादशाह और छोटा बिलावली तालाब में विभिन्न कार्य कराने की अनुमति मांगी थी। निगम द्वारा दी गई अनुमति के बाद बड़े पैमाने पर तालाब सौंदर्यीकरण के कार्य किए गए, जिनमें तालाबों का गहरीकरण करने के साथ-साथ वहां आसपास की बाउंड्रीवॉल, तालाब की पाल बनाई गई और सभी तालाबों के आसपास लोगों के लिए आकर्षक पाथ-वे का निर्माण किया गया। निगम अधिकारियों के मुताबिक तीन तालाबों पर करीब तीन करोड़ से ज्यादा की राशि फर्म द्वारा अपने स्तर पर खर्च की गई। अब उक्त फर्म ने निगम से दो और अन्य तालाब छोटा बांगड़दा और लिंबोदी को संवारने की अनुमति मांगी है। चूंकि आचार संहिता के चलते अभी सारा अमला तैयारियों में व्यस्त है, इसलिए अनुमति नहीं जारी की गई है। उक्त संस्था द्वारा शहर के 7 स्थानों पर अपने खर्च से अहिल्या वन का निर्माण भी किया गया। इनमें पीपल्याहाना के समीप बनाए गए अहिल्या वन के अलावा विजयनगर झोन के पीछे, रामबाग रिवर फ्रंट के समीप और अन्य स्थान हैं। निगम अपने स्तर पर तालाबों को संवारने का काम करता है तो करोड़ों की राशि खर्च की जाती है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर की कई संस्थाएं भी इंदौर में आकर तालाबों को संवारने में जुटी हैं।
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