नई दिल्ली । वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (Air Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने अपनी दो दिवसीय बेंगलुरु (Bangalore) यात्रा के दौरान एलसीए तेजस एमके-1 फाइटर जेट (LCA Tejas Mk-1 Fighter Jet) में उड़ान भरी। उन्होंने बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना की इकाइयों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) तथा हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के उड़ान परीक्षण प्रतिष्ठानों एवं सुविधा केंद्रों का दौरा किया।
वायुसेना प्रमुख ने 23 और 24 अगस्त को बेंगलुरु का दौरा किया। वायु सेना प्रमुख के एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टाब्लिशमेंट (एएसटीई) पहुंचने पर कमांडेंट जीतेंद्र मिश्रा ने स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने एएसटीई के कर्मचारियों और अधिकारियों को संबोधित भी किया। इस दौरा उन्हें एएसटीई में चल रही परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी गई और परिचालन परीक्षणों की प्रगति के बारे में भी बताया गया। संस्थान के कर्मियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने एएसटीई की अनूठी और चुनौतीपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों के बारे में जानकारी हासिल की और भारतीय वायुसेना की परिचालन इकाइयों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आगे रहकर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वायु सेना प्रमुख ने एवियोनिक्स सॉफ्टवेयर के विकास के लिए काम करने वाली इकाई सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एसडीआई) का भी दौरा किया। उन्होंने एएसटीई की अनूठी और चुनौतीपूर्ण भूमिका के बारे में बात की और इसकी प्रशंसनीय उपलब्धियों को नोट किया। उन्होंने कहा कि इस संस्थान ने महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया है जिससे भारतीय वायुसेना की परिचालन एवं कार्यात्मक क्षमता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिला है। उन्होंने भारतीय वायुसेना के विमानों पर विभिन्न हथियार लगाने के लिए स्वदेशी सॉफ्टवेयर विकसित करने तथा वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने के लिए अपना दृष्टिकोण सामने रखा।
वायु सेना प्रमुख ने एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए), डीआरडीओ और एचएएल के परीक्षण दल के कर्मियों तथा इंजीनियरों से भी बातचीत की। भदौरिया ने देश में भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी विमानन उद्योग क्षमता के निर्माण के साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाने में दोनों प्रतिष्ठानों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। अपनी दो दिवसीय बेंगलुरु यात्रा के दौरान वायु सेना प्रमुख ने प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (आईओसी) मानक हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। वायुसेना ने भी तस्वीरें ट्वीट करके कहा कि भदौरिया ने तेजस एमके-1 विमान में उड़ान भरी।
भारतीय वायुसेना को मिलने वाले एलसीए तेजस लड़ाकू विमान 65 फीसदी स्वदेशी होंगे। स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देने के लिए देशी उत्तम रडार लगाये जायेंगे। यानी वायुसेना को मिलने वाले विमानों का पहला जत्था इजरायल के रडार की जगह देशी उत्तम रडार से लैस होगा। स्वदेशी रक्षा उद्योग में भारतीय वायुसेना और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए इसी साल की शुरुआत में 03 फरवरी को एयरो इंडिया-2021 के दौरान हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट के सौदे पर हस्ताक्षर किये गए थे। 83 एलसीए एमके-1ए में से 63 विमानों में इलेक्ट्रॉनिक एईएस रडार लगेंगे, जिसके लिए डीआरडीओ और एचएएल में करार हुआ है। वायुसेना के पहले वाले ऑर्डर के 40 एमके-1 विमानों में मैकेनिकल इजराइली रडार लगाये जायेंगे। एचएएल ने तेजस में स्वदेशी सामग्री 62% से बढ़ाकर 65% करने का लक्ष्य बनाया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved