हावड़ा। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बंगाली और गैर बंगालियों के बीच नफरत की खाई बनाने और जातिवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया है। घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी बंगाली-गैर बंगाली के मुद्दे पर विभाजन की राजनीति कर रही हैं जो काफी खतरनाक है। ममता बनर्जी देश के ही लोगों को बाहरी कह रही हैं जो पूरे बंगाली समुदाय के लिए अपमान की बात है। बंगाल की सभ्यता संस्कृति में इस तरह की बातें कभी नहीं थी। ममता ने बंगाल को पतन के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
क्या बंगाल में उद्योग लगाने वाले बाहरी?
घोष ने कहा कि बंगाल ने शुरू से ही देश विदेश के लोगों को यहां जगह दी है। सिस्टर निवेदिता, मदर टेरेसा न जाने कितने नाम हैं। राज्य में पिछले कई दशकों में उद्योगों के विकास में बंगाल के बाहर से आए ही लोगों का अहम योगदान रहा है। बिरला, गोयनका आदि ने यहां अनगिनत फैक्ट्रियां लगाई हैं जिसमें लाखों लोगों को रोजगार मिला है। इसमें बंगाल के साथ उत्तर प्रदेश, और बिहार के भी लोग शामिल हैं। दिलीप घोष ने ममता बनर्जी से पूछा कि क्या बिरला, गोयनका बाहरी लोग थे। घोष ने कहा कि अगर बंगाल के बाहर देश के अन्य राज्यों में रहने वाले लगभग 40 लाख बंगालियों को वहां के लोग भगाने लगे तो क्या ममता बनर्जी यहां उन्हें जगह देंगी? (एजेंसी, हि.स.)
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