इंदौर। फर्जी स्क्रीन शॉट दिखाकर सराफा के बंगाली कारीगर के साथ हुई आठ लाख की ठगी के आरोपियों की तलाश में पुलिस जुट गई है। बताते हैं कि उसके बेटों ने ऑनलाइन व्यापार के लिए गूगल पर एड डाला था, जिसको देखकर ही ठगों ने उससे संपर्क किया था। वे खुद को हैदराबाद का बता रहे थे, लेकिन बोल गुजराती रहे थे। इसके चलते पुलिस को गुजरात की ईरानी गैंग पर शंक है। वहीं उनके फुटेज पुलिस को मिल गए हैं। इससे पता लगाया जा रहा है कि वे रुके कहां थे और कैसे भागे।
सराफा पुलिस ने कल बंगाली कारीगर हमीद शाह की रिपोर्ट पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आठ लाख की ठगी का केस दर्ज किया है। टीआई सुनील शर्मा ने जांच शुरू की तो पता चला कि कारीगर कम पढ़ा-लिखा है, जबकि उसके बेटे पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने व्यापार बढ़ाने के लिए गूगल पर ज्वेलर्स का एड दिया था। इस एड को देखकर ठगों ने हैदराबाद की कंपनी के कर्मचारी बनकर उनसे संपर्क किया। दो-तीन बार सैंपल लेने आए और फिर फर्जी स्क्रीन शॉट दिखाकर आठ लाख के जेवरात ले गए। ठगों ने खुद को हैदराबाद का बताया था, जबकि वे गुजराती बोल रहे थे। इसके चलते पुलिस को अंदेशा है कि वे गुजरात की ईरानी गैंग के सदस्य थे।
पुलिस का कहना है कि व्यापारी ने कुछ गलतियां की। पहली आरटीजीएस से अपने रिश्तेदारों के चार बचत खातों में पेमेंट लिया। यदि वह एनईएफटी करवाता तो जीएसटी नंबर से पेमेंट नहीं होता। ठगों ने फर्जी स्क्रीन शॉट के बाद बोला था कि कुछ देर में आ जाएगा। इसके चक्कर में वह फंस गया और ठगी का शिकार हो गया। पुलिस ने व्यापारियों से अपील की है कि जब तक पेमेंट नहीं आ जाता तब तक सामान न दें, वरना ठगी का शिकार हो सकते हैं। शहर में छोटे-मोटे व्यापारी भी लगातार ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा पुलिस को ठगों के आने-जाने के कई फुटेज मिल गए हैं। इससे वे कहां रुके थे इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि वे कार से आए थे या फिर रेल से गए, क्योंकि बाजार में वे हर बार पैदल ही पहुंचे थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved