img-fluid

आरजी कर कांड के बंगाल के मेडिकल कॉलेजों की अनियमितताएं हुई उजागर, भ्रष्टाचार और धमकी के लगे आरोप

October 03, 2024

कोलकाता । कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) और अस्पताल में हुए रेप और हत्या के मामले ने पश्चिम बंगाल के शीर्ष सरकारी मेडिकल कॉलेजों (Government Medical Colleges) में एक बड़े संकट को उजागर कर दिया है। इस मामले के बाद कई मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं। छात्रों ने राजनीतिक संबंधों से लेकर धमकी और डराने-धमकाने की संस्कृति, परीक्षा प्रणाली में रिश्वतखोरी और पक्षपात के आरोप लगाए हैं।

शिकायतें और आरोप
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक महीने में राज्य के 20 शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में से कम से कम सात कॉलेजों में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायतों के अनुसार, जिन छात्रों ने रिश्वत देने से इनकार किया, उन्हें जानबूझकर फेल करने की धमकी दी गई। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल को रिश्वत नहीं देने वाले छात्रों का पंजीकरण नहीं किया गया, और हाउस स्टाफ चयन के दौरान कुछ छात्रों को जानबूझकर कम अंक दिए गए। यहां तक कि कुछ छात्रों को पार्टी में सेवा करने के लिए मजबूर भी किया गया।


इस घटनाक्रम की शुरुआत आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष की गिरफ्तारी के बाद हुई, जिन पर अनियमितताओं का आरोप लगा था। इनके अलावा, उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज, मिदनापुर मेडिकल कॉलेज, बर्दवान मेडिकल कॉलेज, रामपुरहाट सरकारी मेडिकल कॉलेज, कल्याणी के कॉलेज ऑफ मेडिसिन और एमजेएन मेडिकल कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी गंभीर आरोप सामने आए हैं।

ममता बनर्जी से मुलाकात
सितंबर 16 को जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव मनोज पंत से मुलाकात की और इन अनियमितताओं को लेकर शिकायतें दर्ज कराईं।

सरकारी कार्रवाई और जांच पैनल
इन शिकायतों के बाद राज्य सरकार और व्यक्तिगत कॉलेजों ने अपने स्तर पर जांच पैनल गठित किए।

उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में 5 छात्रों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है और उन्हें कॉलेज परिसर या हॉस्टल में प्रवेश करने से मना किया गया है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज मेंजांच पैनल ने 51 डॉक्टरों में से 40 को दोषी पाया है, जिन पर धमकी देने का आरोप था।

कल्याणी के कॉलेज ऑफ मेडिसिन और जेएनएम अस्पताल में 40 छात्रों को 6 महीने के लिए निलंबित किया गया है।

एमजेएन मेडिकल कॉलेज और मिदनापुर मेडिकल कॉलेज में भी जांच पैनल गठित किए गए हैं।

सरकारी स्तर पर उपाय
राज्य सरकार ने “धमकी संस्कृति” पर रोक लगाने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग ने बीएमसीएच के डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर तपश घोष को हटा दिया और नुपुर घोष को भी ट्रांसफर कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने एक शिकायत निवारण सेल भी स्थापित की है, जहां स्वास्थ्य पेशेवर अपनी समस्याओं को दर्ज करा सकते हैं।

डॉक्टरों का दावा: समस्या बहुत गहरी है
कई डॉक्टरों का मानना है कि मेडिकल कॉलेजों में यह समस्या सिर्फ सतही नहीं है, बल्कि यह गहराई से जुड़ी हुई है। एक जूनियर डॉक्टर ने आरोप लगाया कि टीएमसी की युवा शाखा से जुड़े कुछ डॉक्टर छात्रों को सांस्कृतिक और गैर-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए मजबूर करते हैं। अगर छात्र इसमें भाग नहीं लेते, तो उन्हें फेल करने या खराब अंक देने की धमकी दी जाती है।

यह स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेजों में अनियमितताओं और धमकी की संस्कृति की जड़ें गहरी हो चुकी हैं। सरकार और कॉलेज प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक यह सवाल बना रहेगा कि क्या मेडिकल शिक्षा का माहौल सुरक्षित और निष्पक्ष हो पाएगा।

Share:

दिल्ली : ड्रेसिंग के बहाने पहुंचे बदमाशों ने अस्पताल में डॉक्टर की मारी गोली, मौत

Thu Oct 3 , 2024
नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) के एक अस्पताल (hospital) में डॉक्टर (doctor) की गोली मारकर हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. वारदात दिल्ली के जैतपुर इलाके की है. जानकारी के मुताबिक दो हमलावर (two attackers) अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि चोट लगी है. ड्रेसिंग (dressing) के बाद उन्होंने डॉक्टर से मिलने की इच्छा […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved