कोलकाता। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। घोष ने शुक्रवार को कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव तभी संभव हैं, जब बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। प्रधानमंत्री ने जो कहा है, वह सही है।
दिलीप घोष ने कहा बंगाल में जो स्थिति बन रही है, राष्ट्रपति शासन की संभावना मजबूत हो रही है। अब अन्य राजनीतिक दल भी यही मांग कर रहे हैं। कल, उन्होंने मुझ पर हमला किया और यही संकेत दिया कि पश्चिम बंगाल के बारे में प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं वह सही है। इसके पहले अमित शाह ने कहा था कि बंगाल में कानून का शासन नहीं है। बम बनाने वाली फैक्ट्रियां जिलों में फैल गयी हैं। बढ़ती पैठ। स्थिति बहुत खराब है। विरोधियों को मारा जा रहा है और झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। भारत में इस तरह का कोई दूसरा राज्य नहीं है। केरल ने एक समय ऐसा किया गया। वहां भी स्थिति नियंत्रण में है। बंगाल में भाजपा नेताओं की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग असंगत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने बिहार की जीत के बाद संबोधन में नाम लिए बिना बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि देश के कुछ हिस्सों में भाजपा कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है। चुनाव आएंगे, जाएंगे। लोकतंत्र में जीत और हार होती है। लेकिन लोकतंत्र में मौत का यह खेल जारी नहीं रह सकता। मौत के खेल में किसी का सहयोग नहीं मिलता। इसीका ज़िक्र दिलीप घोष ने किया है। एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved