कोलकाता। कोरोना के इस समय में अस्पतालों की लापरवाही के काफी मामले सामने आए है। ऐसा ही एक अजीब मामला पश्चिम बंगाल का है। यहां के नदिया जिले स्थित नेताजी सुभाष सेनेटोरियम कोविड अस्पताल ने शनिवार को एक कोरोना मरीज को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिय। लेकिन जैसे ही श्मशान के कर्मचारी अंतिम संस्कार करने लिए शव अस्पताल को लेने पहुंचे तो वह अपने बिस्तर पर बैठा था।
उनके परिवारजनों ने बताया कि व्यक्ति पहले बुखार और सीने में दर्द के साथ राणाघाट उपमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसके तबियत बिगड़ने लगी। फिर 12 मई को कल्याणी के अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। तब से वहीं उनका इलाज चल रहा है।
आगे परिवार ने बताया कि शुक्रवार को अस्पताल के अधिकारियों ने जानकारी दी कि कोरोना मरीज की मृत्यु हो गई है। अस्पताल से इससे जुड़ा एक मैसेज भी किया था। शनिवार को उनके परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिया गया। परिवार ने बताया कि जब श्मशान के कर्मचारी उसका शव लेने अस्पताल के वार्ड में पहुंचे, तो उन्होंने उसे बिस्तर पर बैठा पाया। उनेक पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया जबकि वो जीवित थे।
साथ ही बताया कि अस्पताल प्रशासन ने घटना के बाद मरीज को अस्पताल से बाहर भेज दिया है। इस बारे में जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी से पूछा तो उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि संबंधित चिकित्सा अधिकारी से जानकारी लेने के बाद सक्षम होंगे। साथ ही कहा कि मुझे इस मुद्दे के बारे में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।
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