कोलकाता (Kolkata) । पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) पर राजभवन की एक महिला कर्मचारी (female employee) की ओर से छेड़छाड़ का आरोप लगाये जाने के बाद राज्यपाल ने गुरुवार को आम लोगों को परिसर की दो मई की सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage) दिखाई। राजभवन के ग्राउंड फ्लोर पर सेंट्रल मार्बल हॉल में कुछ लोगों को दो मई शाम करीब 5.30 बजे की मुख्य (उत्तरी) गेट पर लगे दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज दिखाई गई। राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने गत शुक्रवार को कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि बोस ने राज्यपाल आवास में उसके साथ छेड़छाड़ की थी।
आरोप लगाने वाली महिला ने कहा है कि उनकी सहमति के बिना उनकी पहचान का खुलासा करना एक और अपराध है। उन्होंने कहा कि इससे उनके मन में आत्महत्या के ख्याल आते हैं। एक रिपोर्ट में शिकायतकर्ता के हवाले से कहा, “राज्यपाल ने एक घृणित कार्य किया और अब एक दिखावा करके अपने कुकर्मों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे पता है कि भारत का कानून जांच के दौरान शिकायतकर्ता की पहचान की रक्षा करना अनिवार्य करता है।”
शिकायत करने वाली महिला ने कहा कि राज्यपाल के कारण उनकी और उनके परिवार की प्रतिष्ठा धूमिल हो गई। उन्होंने कहा, “गवर्नर ने बिना अनुमति के मेरा एक वीडियो जारी किया है। इस प्रकार मेरे पास अपनी जान लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अगर वास्तविक जांच हो सकती है, तो सच्चाई सामने आ जाएगी।”
शिकायतकर्ता ने कहा, “फुटेज में मुझे चौकी की ओर जाते समय रोते हुए दिखाया गया है। इसमें दिखाया गया है कि मैं एक व्यक्ति के साथ चल रही हूं। उस व्यक्ति ने पहले मेरा बैग छीन लिया। राज्यपाल ने निर्देश दिया था कि वह व्यक्ति मेरे साथ राजभवन से कार में मेरे घर तक जाएगा। मुझसे इस मामले के बारे में किसी से बात न करने के लिए कहा था।”
टीएमसी के मंत्रियों ने वीडियो स्क्रीनिंग की निंदा की और राज्यपाल की मंशा पर सवाल उठाया। बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा पांजा ने बोस के बहिष्कार की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “जब मुझे पता चलेगा कि उस पर छेड़छाड़ का आरोप है तो क्या मैं उसी मंच पर उसके पास बैठूंगी?”
गवर्नर बोस ने कहा था कि वह ममता बनर्जी और उनकी पुलिस को छोड़कर आम लोगों को संबंधित सीसीटीवी फुटेज दिखाएंगे। एक घंटे से अधिक समय की फुटेज में, नीली जींस और टॉप पहने महिला को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ पुलिस चौकी की ओर जाते देखा गया जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के सिलसिले में राजभवन परिसर में तैनात थे। पीएम मोदी दो मई को राजभवन में रात में ठहरे थे और उन्होंने तीन मई को पश्चिम बंगाल में तीन राजनीतिक रैलियों को संबोधित किया था।
राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, “कम से कम 92 लोगों ने हमें मेल या फोन किया और सीसीटीवी फुटेज देखने की इच्छा व्यक्त की। हालांकि, केवल कुछ ही लोग आए। इरादा यह था कि लोगों घटना को देखकर फैसला कर सकें।” फुटेज देखने आए लोगों में शुमार प्रोफेसर तुषार कांति मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने फुटेज देखी और महिला के व्यवहार में कोई असामान्यता नहीं पाई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved