• img-fluid

    बंगालः पुलिस से झड़प के बाद अचानक मार्च ‘खत्म’ कर चले गए दिलीप घोष, कार्यकर्ता हुए भ्रमित

    September 14, 2022

    कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) भाजपा (BJP) में सब ठीक चल रहा है? दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि पार्टी के पूर्व राज्य प्रमुख मंगलवार को अचानक मार्च ‘खत्म’ कर चले गए। हम बात कर रहे हैं दिलीप घोष (Dilip Ghosh) की। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिवालय तक मार्च के बीच उस समय भ्रम की स्थिति पैदा (create confusion) हो गई जब एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं (party workers) के बीच झड़प के बाद “नबन्ना रैली समाप्त” करने की अचानक घोषणा कर दी और उस स्थल से वापस चले गए।

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party (BJP)) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोष ने रैली समाप्त करने की घोषणा उस समय की जब अपराह्न लगभग ढाई बजे सचिवालय ‘नबन्ना’ की ओर जा रहे जुलूस को रबींद्र सेतु (हावड़ा ब्रिज) के पास पुलिस ने रोक दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस, पानी की बौछार और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया। तृणमूल कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार के विरोध में भाजपा ने अलग-अलग नेताओं के नेतृत्व में अलग-अलग जगहों से तीन जुलूस निकाले।


    जब नबन्ना अभियान समाप्त करने की घोष की घोषणा के बारे में भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को बताया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘दिलीप दा का जुलूस पुलिस ने रोक दिया होगा और वह समाप्त हो गया, लेकिन अन्य जुलूस जारी हैं।’’ पुलिस ने मजूमदार की रैली को भी रोक दिया और वह विरोध में सड़क पर बैठ गए। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। घोष ने बाद में कहा कि मीडिया ने उनकी टिप्पणी को गलत समझा।

    भाजपा की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जैसे ही पुलिस ने हावड़ा ब्रिज के पास मेरे नेतृत्व वाले जुलूस को रोकने के लिए बर्बर बल का इस्तेमाल किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए, मैंने घोषणा की कि नबन्ना तक हमारा मार्च समाप्त हो गया है। मैंने अन्य जुलूसों के बारे में बात नहीं की।’’ घोष ने कहा, “प्रतिपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी और सांसद लॉकेट चटर्जी को रैली शुरू होने से पहले हिरासत में लिया गया था, लेकिन हम और अन्य नेता जमीन पर थे तथा हम सभी इस मुद्दे पर एकजुट हैं।”

    भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि घोष ने यह टिप्पणी तब की जब कॉलेज स्क्वायर इलाके से उनके नेतृत्व में शुरू हुए जुलूस को पुलिस ने बल प्रयोग कर रोक दिया। भट्टाचार्य ने कहा, “चूंकि हावड़ा और कोलकाता में अलग-अलग जगहों से प्रत्येक रैली का नेतृत्व करने के लिए एक वरिष्ठ नेता को जिम्मेदारी दी गई थी, इसलिए दिलीप-दा के लिए कहीं और विरोध जारी रखना संभव नहीं था। इसमें और कुछ नहीं देखा जाना चाहिए।” तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।

    टीएमसी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “भाजपा का नबन्ना अभियान एक फ्लॉप शो साबित हुआ। वे राज्य की संपत्तियों में तोड़फोड़, क्षति और आग लगाकर खबरों में रहना चाहते थे। लेकिन सतर्क पुलिस बल ने स्थिति को और खराब नहीं होने दिया तथा भाजपा के गेम प्लान को विफल कर दिया। इस बारे में कहने के लिए और कुछ नहीं है।”

    Share:

    महाराष्ट्र के सांगली में पालघर जैसा कांड, बच्चा चोर समझ भीड़ ने 4 साधुओं को जमकर पीटा

    Wed Sep 14 , 2022
    नई दिल्‍ली। उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के मथुरा से चलकर कर्नाटक के बीजापुर जा रहे चार साधुओं के साथ महाराष्ट्र के सांगली में बुरी तरह मारपीट (Beating) का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि लोगों ने इन साधुओं को बच्चा चोर समझ कर बंधक बना लिया और मारपीट की. बाद में मौके पर […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved