कुएं और बावडिय़ों पर टूट पड़ा प्रशासन…
हत्यारी बावड़ी के दोनों मंदिर तोड़े, मूर्तियां शिफ्ट की
पूरे क्षेत्र में नाकाबंदी कर निगम ने शुरू की बावड़ी से कब्जे हटाने की बड़ी कार्रवाई, मंदिर तोड़े जाने के दौरान सभी का प्रवेश बंद कर दिया
पहली कार्रवाई – हादसा स्थल, दूसरी कार्रवाई – ढक्कनवाला कुआं, तीसरी कार्रवाई – सुखलिया, चौथी कार्रवाई – गाडराखेड़ी
मंदिर की मूर्तियां कांटाफोड़ मंदिर में शिफ्ट
भारी पुलिस तैनात निगम की फौज जुटी कार्रवाई में
हिंदूवादी पहुंचे मंदिर तोडऩे का विरोध करने
संतुलन बनाए रखने के लिए ढक्कनवाले कुएं की दरगाह भी तोड़ी
इंदौर। चार दिन पहले इंदौर (Indore) के बेलेश्वर मंदिर में बावड़ी की छत धंसने से हुई हृदय-विदारक घटना में 36 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरकत में आए जिला प्रशासन ने आज जहां बेलेश्वर मंदिर के नए एवं पुराने हिस्से को जमींदोज कर डाला, वहीं मंदिर हटाने का विरोध करने पहुंचे हिन्दूवादियों के विरोध पर संतुलन बनाए रखने के लिए ढक्कनवाला कुआ पर भी कार्रवाई की। इसी के साथ सुखलिया और गाडराखेड़ी में भी कुए और बावडिय़ों के अतिक्रमण हटाए गए।
तडक़े 4 बजे से अलर्ट हुआ निगम का अमला, अलग-अलग स्थानों पर रवाना हुई टीमें
देर रात तक कुएं-बावडिय़ों के कब्जे हटाने को लेकर अधिकारियों की प्लानिंग बनी और तडक़े 4 बजे से ही निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी। पहली कार्रवाई ढक्कनवाला कुआं रोड स्थित कुएं को ढहाया। फिर बेलेश्वर महादेव मंदिर के पुराने मंदिर को तोडऩे की कार्रवाई की गई। इससे पहले मंदिर में रखी मूर्तियों को हटाकर निगम की कारों में रवाना किया गया। इसके बाद नए मंदिर के आठ से दस कालम तोड़ दिए गए और मंदिर का ऊपरी हिस्सा भी तोड़ दिया गया। दोनों स्थानों पर कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था और साथ ही वहां प्रवेश बंद कर दिया गया था। किला मैदान और कुछ अन्य स्थानों पर कुएं-बावडिय़ों के कब्जे हटाने की कार्रवाई दिनभर जारी रहेगी।
गत दिनों पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी धंसने से 36 लोगों की मौत हो गई थी और इस घटना को लेकर काफी विरोध प्रशासन और नगर निगम के खिलाफ लोगों का फूटा था। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश नगर नगर निगम और जिला प्रशासन ने शहर के सभी 629 कुएं-बावडिय़ों का सर्वे कराया था, जहां अधिकांश जगह कब्जे और पक्के अतिक्रमण पाए गए थे। इन्हें हटाने को लेकर दो दिनों से रणनीति तैयार हो रही थी। पहले कल यह कार्रवाई शुरू की जानी थी, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते कार्रवाई रोक दी गई और आज सुबह से इसे शुरू किया गया और ढक्कनवाला कुआं मेनरोड पर कुएं पर बनाए गए धार्मिक स्थल को हटाने के लिए कार्रवाई की गई। बड़ी संख्या में वहां पुलिस बल लगाकर दोनों ओर से मार्गों पर आवागमन बंद कर दिया गया था। इसके बाद पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में कार्रवाई की शुरुआत हुई। वहां नए और पुराने दोनों मंदिरों के हिस्से तोड़े गए। नगर निगम के अपर आयुक्त और उपायुक्त से लेकर कई अधिकारी रात 1 बजे तक कार्रवाई को लेकर प्लानिंग बनाते रहे और पुलिस बल को भी तडक़े 4 बजे निगम के कर्मचारियों और रिमूवल गैंग के साथ बुला लिया।
कई थानों का पुलिस बल और 250 निगमकर्मियों की फौज के साथ कार्रवाई
आज सुबह कार्रवाई के लिए नगर निगम और प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ थानों का पुलिस बल और थाना प्रभारियों के साथ-साथ 250 से ज्यादा निगमकर्मी, महिला पुलिस बल, रिमूवल अमला और 7 से 8 जेसीबी, 5 पोकलेन और कई डंपर तैनात किए गए थे।
रहवासियों का हुजूम
निगम की सुबह 7.30 बजे से शुरू हुई कार्रवाई को देखने के लिए पटेल नगर की गलियों में बने कई मकानों की गैलरियों और छतों पर रहवासियों का हुजूम जमा था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से डंडे फटकार कर रवाना कर दिया। कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में निगम का रिमूवल अमला और अधिकारी मौजूद थे।
कार में मूर्तियां रखकर की शिफ्टिंग
मंदिर तोडऩे के पहले मूर्तियों को वहां से हटाया। बाद में कोई विवाद न हो, इसकी रिकार्डिंग भी की गई। सभी मूर्तियों को कार से ले जाया गया। छोटी-बड़ी कुल 10 मूर्तियों को यहां से हटाने की जानकारी है।
सुखलिया और गाडऱाखेड़ी में भी कुएं पर लगी गुमटी, चौकीदार का कमरा और कब्जे हटाए
नगर निगम की रिमूवल टीम ने गाडऱाखेड़ी में खाटू श्याम के मंदिर के सामने बने वर्षों पुराने कुएं पर लगी गुमटी, चढ़ाव और अन्य कब्जे हटाने के साथ-साथ सुखलिया में भी कुएं पर हुए निर्माणों को हटाया। गाडऱाखेड़ी में 15वीं बटालियन के ठीक सामने गली में खाटू श्याम का मंदिर है और वहीं पर वर्षों पुराना कुआं भी है, जिस पर चढ़ाव बना लिया गया था और साथ ही गुमटी लगाकर कई अन्य निर्माण कर लिए गए थे। इसके अलावा सुखलिया के सीएम-2 सेक्टर में पानी की पुरानी टंकी के समीप मैदान में कुआं है, जिस पर चौकीदार ने कमरा बना लिया। निगम अधिकारियों ने रिमूवल टीम के साथ कार्रवाई करते हुए चौकीदार का सामान हटाया और वहां हुआ निर्माण ध्वस्त कर दिया।
अग्रसेन चौराहा स्थित कांटाफोड़ मंदिर में मूर्तियां की शिफ्ट
आज सुबह मंदिर तोडऩे के पहले प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मूर्तियों को हटाने में सावधानी बरती गई। सभी मूर्तियों को हटाकर नजदीक के कांटाफोड़ मंदिर में रखा गया है। इसी बीच रहवासियों का कहना था कि एक बड़ा शिवलिंग भी मंदिर में था, जिसे हटाए बगैर मंदिर तोड़ा गया। बाद में बताया गया कि शिवलिंग सुरक्षित है और उसे भी शिफ्ट किया गया है। मंदिर यूं तो भगवान भोलेनाथ का था, लेकिन यहां राम दरबार भी था। मूर्तियों को अग्रसेन चौराहे के पास कांटाफोड़ मंदिर पर रखा गया है। जब सुबह मूर्तियां मंदिर परिसर में लाई गईं, तब वहां दर्शन करने आए श्रद्धालु मूर्तियों को देखकर आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने मूर्तियों के बारे में पूछताछ की। सभी मूर्तियों को मंदिर परिसर में रखवाया गया है। इसके बाद क्षेत्रीय रहवासियों द्वारा पूजा करवाई गई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved