उज्जैन। महाकाल मंदिर समिति ने बेगमबाग क्षेत्र के चौड़ीकरण की जद में आ रहे 250 भवन स्वामियों को मुआवजा राशि तय कर दी है। इनमें से 37 को 3-3 लाख मुआवजा दे दिया गया। इसी के साथ कल कई लोगों ने मुआवजा मिलने के बाद अपने मकान तोडऩा शुरु कर दिए। कुछ मकानों को नगर निगम की गैंग ने भी तोड़ा। हालांकि इनमें से कई रहवासी मुआवजा की कम राशि मिलने से नाराज हैं।
उल्लेखनीय है कि महाकाल विस्तारीकरण योजना में महाकाल मंदिर के आसपास 500 मीटर के दायरे में नए विकास कार्य किए जाने हैं। इसी के तहत बेगमबाग क्षेत्र में नाले के किनारे बने मकानों को तोडऩे के नोटिस जिला प्रशासन और नगर निगम ने जारी किए थे। पहले यहाँ के भवन स्वामियों को पीएम आवास योजना में मकान देने तथा आवास योजना तैयार होने तक 3 हजार रुपए महीना किराया देना तय किया था लेकिन इसके बाद लोगों की माँग पर जिला प्रशासन ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यहाँ के 250 परिवारों को 3-3 लाख रुपए मुआवजा राशि देने का निर्णय लिया था। फंड के अभाव में अभी 37 भवन स्वामियों को यह मुआवजा राशि दी गई है। यह राशि भी महाकाल मंदिर समिति ने दी है। बाद में इस राशि को स्मार्ट सिटी से समायोजित किया जाएगा। राशि मिलने के बाद शुक्रवार से यहाँ कई रहवासियों ने अपने भवन हटाना शुरु कर दिए थे। कुछ मकानों को तोडऩे के लिए नगर निगम अमले की भी मदद ली गई। कल दिनभर में यहाँ 11 मकान तोड़े जा चुके थे।
बेगमबाग में पुलिस की मौजूदगी से तनाव जैसे नजारे
आज भी यहाँ शेष मकानों को तोडऩे की कार्रवाई दिनभर चलेगी। इधर बेगमबाग क्षेत्र के प्रभावित लोगों में से कई लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं कि शासन ने उन्हें 3-3 लाख का मुआवजा तय किया है। यह राशि कम है। विरोध की आशंका को देखते हुए आज सुबह से ही क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर यिा गया था। इधर 37 मुआवजा ले चुके परिवारों के अलावा बाकी लोगों को तीन दिन में मुआवज के लिए मांगी गई जानकारी नगर निगम को देने की समय सीमा दी गई है।
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