इंदौर। इंदौर की संस्था रक्तमित्र इंडिया फाउंडेशन ने एक हफ्ते पहले एक बच्चे को रेस्क्यू किया था। बच्चे के शरीर पर कई घाव थे और उन घावों के नाम पर उसे दिखाकर भीख मांगी जा रही थी। संस्था के युवाओं ने रेस्क्यू कर उसे इलाज के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती किया था, जहां बुधवार को बच्चे की मौत हो गई। कल संस्था के युवाओं ने मिलकर उसका अंतिम संस्कार किया।
संस्था से जुड़े गौरव शर्मा ने हफ्तेभर पहले नाथ मंदिर के आसपास एक आदमी को इस बच्चे के साथ भीख मांगते देखा था। 12 साल के इस बच्चे के शरीर पर कई घाव थे और वो चल भी नहीं पा रहा है। बच्चे की इसी अवस्था को दिखाकर भीख मांगी जा रही थी। सूचना पर संस्था के अन्य सदस्य भी वहां पहुंचे और बच्चे की गंभीर हालत देखी, जिसके बाद उसे रेस्क्यू कर इलाज के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया। बच्चे की इलाज के दौरान बुधवार को मौत हो गई। पुलिस को सूचना देने के बाद संस्था के सदस्यों ने बच्चे के शव को मच्र्यूरी में रखवाकर तीन दिन उसके परिजनों को खोजने का काफी प्रयास किया, लेकिन कोई तीन दिन आया नहीं, ना ही बच्चे के परिजन मिले। कल शाम संस्था के यश पाराशर, गौरव धनौतिया और अर्पित मेहरा ने पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया। संस्था के यश पाराशर ने बताया कि बच्चे के माता-पिता भी मंदिरों के बाहर भीख ही मांगते हैं, लेकिन तीन दिन काफी खोजने के बाद भी नहीं मिले, जिसके बाद बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया।
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