इस्लामाबाद । पाकिस्तान (Pakistan) के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ (Defence Minister Khawaja Mohammad Asif) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने 4,700 से अधिक पाकिस्तानी भिखारियों (Pakistani Beggars) को वापस भेजा है। ये लोग कथित तौर पर फर्जी वीजा और उमराह या हज के बहाने सऊदी अरब पहुंचे थे, लेकिन वहां अवैध रूप से भीख मांगते पकड़े गए। इस घटना को पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का कारण बताया जा रहा है।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “पाकिस्तान में करीब 2.2 करोड़ भिखारी हैं, जो सालाना 42 अरब रुपये कमाते हैं। ये लोग विदेशों में भीख मांगकर देश की छवि को धूमिल कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि सऊदी अरब में भीख मांगने के खिलाफ सख्त कानून हैं, जिसके तहत भिखारियों को जुर्माना, जेल और निर्वासन का सामना करना पड़ता है।
सियालकोट में पाकिस्तान रेडीमेड गारमेंट्स मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (PRGMEA) के सदस्यों को संबोधित करते हुए मंत्री ने बताया कि मध्य पूर्वी देशों से बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भिखारियों को निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अकेले सऊदी अरब ने कम से कम 4,700 पाकिस्तानी भिखारियों को देश से निकाला है।
इससे पहले खुद पाकिस्तान की केंद्रीय जांच एजेंसी (FIA) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सऊदी अरब ने 2021 से 2024 के बीच 4,000 भिखारियों को पाकिस्तान वापस भेजा। FIA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन निर्वासित भिखारियों का संबंध मुख्य रूप से दक्षिण पंजाब, कराची और आंतरिक सिंध क्षेत्रों से है। उन्होंने कहा कि ऐसे पेशेवर भिखारी सजा पूरी करने के बाद जैसे ही पाकिस्तान लौटते हैं, तो उनके नाम FIA के इमिग्रेशन विभाग की पासपोर्ट कंट्रोल लिस्ट (PCL) में डाल दिए जाते हैं ताकि वे भविष्य में विदेश यात्रा न कर सकें।
ख्वाजा आसिफ ने सियालकोट के व्यापारिक समुदाय से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अपना बैंक स्थापित करने की अपील भी की। इस कार्यक्रम में PML-N के सांसद, PRGMEA के चेयरमैन इजाज खोखर और अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे। मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनकी कैबिनेट व्यापार समुदाय से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
पाकिस्तान सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए नवंबर 2024 में 4,300 भिखारियों के नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में शामिल किए थे। इसके बावजूद, उमराह और हज वीजा का दुरुपयोग कर भीख मांगने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। सऊदी अरब ने पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय से इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाने को कहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति न केवल पाकिस्तान की छवि को प्रभावित कर रही है, बल्कि वैध तीर्थयात्रियों के लिए भी समस्याएं पैदा कर रही है। पाकिस्तान सरकार ने अब भिखारियों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई का वादा किया है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह देखना बाकी है कि ये प्रयास कितने प्रभावी साबित होंगे।
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