इंदौर। खंडवा लोकसभा उपचुनाव( Khandwa Lok Sabha Election) के प्रचार में कल पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री (former chief minister) और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ( Kamal Nath) पहुंच रहे हैं। हालांकि पहले दिन उनका दौरा आधे दिन का ही रहेगा, लेकिन इस दौरान वे खंडवा के वरिष्ठजनों से मिलने के साथ-साथ एक सभा को भी संबोधित करेंगे।
अभी तक भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (ShivrajSingh Chouchan) और उनकी पार्टी के बड़े नेता खंडवा के कई चक्कर लगा चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी कल से खंडवा में ही डेरा डाले हुए हैं। कांग्रेस (Congress) ने भी चुनाव प्रचार तेज कर दिया है और दिग्विजयसिंह (Digvijay Singh) के खंडवा दौरे के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कल खंडवा (Khandwa) पहुंच रहे हंै। उपचुनाव की तारीख आने के बाद कमलनाथ ने पहली सीट के रूप में खंडवा को चुना है। प्रदेश प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा के मुताबिक कमलनाथ कल सुबह 10.50 बजे खंडवा पहुंचेंगे और सीधे वहां से श्री दादाजी धूनीवाले बाबा आश्रम में दर्शन करने जाएंगे। इसके बाद वे सवा11 बजे खंडवा में ही प्रबुद्धजनों से चर्चा करेंगे एवं सवा 12 बजे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों की एक बैठक में भाग लेंगे। कमलनाथ के इस दौरे को कांग्रेस की तैयारियां जांचने के रूप में भी देखा जा रहा है। वे विधानसभा प्रभारियों से अभी तक के काम की जानकारी भी लेंगे। इसके बाद एक सभा रखी गई है, जिसे कमलनाथ संबोधित करेंगे। आधे दिन का दौरा केवल खंडवा में ही केन्द्रित रहेगा। इसके बाद दूसरे दौर में वे खंडवा की दूसरी विधानसभाओं में प्रचार के लिए जाएंगे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह का भी दो दिनी दौरा खंडवा में होने वाला है और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भी खंडवा जाने वाले हैं। नवरात्रि के बाद सभी से कहा गया है कि वे ज्यादा से ज्यादा समय अपने- अपने प्रभार वाली सीट पर दें। बाकी सभी पूर्व मंत्रियों और पीसीसी के पदाधिकारियों को पार्टी ने अलग-अलग विधानसभाओं की जवाबदारी देकर उन्हें काम पर लगा रखा है।
जोबट का दौरा नवरात्रि के बाद करेंगे
कमलनाथ अभी जोबट नहीं पहुंचे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी उनका जोबट का कार्यक्रम तैयार कर रही है। नवरात्रि के बाद वे जोबट का दौरा करेंगे। यहां से कांग्रेस की सुलोचना रावत के पाला बदलने के बाद कांग्रेस के लिए यह सीट चुनौती भरी साबित हो गई है। इसलिए बड़े नेताओं के दौरे इस तरह तय किए जा रहे हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा समय इस सीट को दें।
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