नई दिल्ली। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल के फाइनल में भारत (India) और न्यूजीलैंड (New Zealand) के बीच एक कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। सभी फैंस बेसब्री से मैच के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं जो 18 जून से होने जा रहा है, लेकिन इस मुकाबले से पहले कई दिग्गज अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। कोई अपनी पसंदीदा प्लेइंग इलेवन का चयन कर रहा है तो कोई खामियां निकाल रहा है। वहीं भारत के पूर्व महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को डर है कि कहीं भारत हार ना जाए। वो इसलिए, क्योंकि उनका कहना है कि भारतीय टीम ने इस मुकाबले के लिए कोई तैयारी नहीं की है।
WTC फाइनल से पहले उठाया बड़ा सवाल
ऐसे में सचिन ने फाइनल से पहले एक बड़ा सवाल उठाया है। दरअसल, डब्ल्यूटीसी (WTC) के फाइनल से न्यूजीलैंड (New Zealand) की टीम ने इंग्लैंड (England) के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली, जिसमें उन्होंने 1-0 से जीत दर्ज की। साफ है कि न्यूजीलैंड (New Zealand) को इस सीरीज से तैयारी करने का माैका मिला, साथ ही इंग्लैंड की परिस्थितियों को समझने का भी। सचिन का कहना है कि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज अभी नहीं होनी चाहिए थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीरीज डब्ल्यूटीसी फाइनल के बाद खेली जानी चाहिए थी।
तेंदुलकर ने तर्क दिया कि भारत (India) और न्यूजीलैंड दोनों को डब्ल्यूटीसी की तैयारी के लिए समान अवसर मिलना चाहिए था। भारतीय दिग्गज का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलने से केन विलियमसन की अगुवाई वाली टीम को बढ़त मिली है।
न्यूजीलैंड के पास होगी बढ़त
सचिन ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से कहा, “मुझे नहीं पता कि न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड सीरीज कब तय हुई थी। मुझे विश्वास है कि यह पहले से तय किया गया था, जिस तरह से न्यूजीलैंड ने फाइनल में अपना स्थान बुक किया था। शायद यह संयोग है। इस सीरीज से न्यूजीलैंड को फाइनल की तैयारी करने में माैका मिला है। इसलिए शायद पहले डब्ल्यूटीसी फाइनल और फिर यह सीरीज होना चाहिए थी।”
उन्होंने आगे कहा, “यह बिना किसी संदेह के, इसे देखने का एक और तरीका है। न्यूजीलैंड के पास वह मामूली बढ़त होगी क्योंकि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट खेले हैं, जबकि भारत ने आपस में खेलने के अलावा अभ्यास मैच नहीं खेले हैं।”
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल सीरीज होनी चाहिए
इसके अलावा, बातचीत में, सचिन ने डब्ल्यूटीसी फाइनल को तीन मैचों के मामले के रूप में आयोजित करने पर भी विचार किया। भारतीय दिग्गज का मानना है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल के रूप में सिर्फ एक मैच खेलना अनुचित है क्योंकि इसमें निरंतरता नहीं है। मुंबई में जन्मे इस खिलाड़ी का यह भी मानना है कि टीमों ने शीर्ष स्थान पर पहुंचने के लिए एक श्रृंखला में दो से तीन मैच खेले हैं और इसलिए फाइनल के लिए भी यही पैटर्न अपनाया जाना चाहिए।
सबसे ज्यादा 200 टेस्ट खेलने वाले सचिन ने कहा, “निरंतरता कहां है? यह वास्तव में एक विश्व टेस्ट चैंपियनशिप सीरीज होनी चाहिए, न कि केवल एक मैच। क्योंकि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए आपने दो या तीन टेस्ट या उससे अधिक की टेस्ट सीरीज खेली है। तो, यह सिर्फ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल नहीं बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल सीरीज होनी चाहिए थी। क्योंकि आपने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए सीरीज खेली हैं।”