लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांग्रेस (Congress) की महासचिव और प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। असल में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने राज्य में कांग्रेस की सरकार (Congress government) बनने के बाद दस लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया है, लेकिन राजस्थान में सरकार द्वारा नौकरी देने के वायदे से मुकर जाने के बाद वहां के युवा कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और उन्होंने प्रियंका गांधी से मुलाकात करने की कोशिश की। मुलाकात नहीं होने पर वह धरने पर बैठ गए, जिसको लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा अब विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई हैं। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है।
राजस्थान के बेरोजगार युवा लखनऊ आए और वह प्रियंका गांधी से मिलना चाहते हैं। वहीं ये युवा पिछले 46 दिन से राजस्थान में आंदोलन कर रहे थे। अब वह गहलोत सरकार की शिकायत प्रियंका से करना चाहते हैं और पार्टी मुख्यालय पहुंचे, लेकिन इन लोगों की प्रियंका गांधी से मुलाकात नहीं हो सकी। इन युवाओं का कहना है कि जब तक प्रियंका गांधी से मुलाकात नहीं होती है तब तक ये यहां अनशन पर बैठे रहेंगे। अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो सिर्फ उनके शव उत्तर प्रदेश से उनके घर वापस लौटेंगे। राजस्थान बेरोजगारी एकीकृत महासंघ के बैनर तले दर्जनों युवा लखनऊ आए हैं और वे शनिवार को सुबह करीब नौ बजे पार्टी मुख्यालय पहुंचे। यहां राजस्थान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए प्रियंका से मिलने की इच्छा जताई।
नहीं सुन रही है गहलोत सरकार
राजस्थान से आए बेरोजगारों का कहना है कि युवा 46 दिन से जयपुर में आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान सरकार उनकी नहीं सुन रही है। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि वह यहां से चले जाएं और उनकी राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात हो गई है और वह वहां चले जाएं. इसके बाद रविवार को महासंघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से सीएम की मुलाकात होनी थी और इसके बाद पांच सदस्य राजस्थान के लिए रवाना हो गया। बाकी के साथी प्रदर्शनकारी लखनऊ के इको गार्डन में रूके रहे।
नेताओं ने दिया धोखा और सीएम गहलोत ने बताया भाजपाई
यादव का कहना है कि रविवार को राजस्थान पहुंचे साथी सदस्यों ने यूपी के कांग्रेस नेताओं को फोन किया तो उन्होंने फोन भी रिसीव नहीं किया। वहां किसी ने सीएम से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। इसके विपरीत सीएम गहलोत ने प्रदर्शनकारियों पर भाजपाई होने का आरोप लगाया, जबकि सभी ने चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था. इसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारी रविवार को शाम पांच बजे कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। महासंघ अध्यक्ष ने बताया कि पहले दिन उनकी पिटाई भी गई। उनका कहना है कि कांग्रेस नेताओं द्वारा उन्हें राजस्थान भेजकर धोखा दिया गया और अब कोई बात करने को तैयार नहीं है। जब तक उनकी प्रियंका गांधी से मुलाकात नहीं होती है तब तक वह पार्टी मुख्यालय पर अनशन पर बैठे रहेंगे।
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