इस्लामाबाद। मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान शुरू होने वाला है। पाकिस्तान में पहले से ही सब्जियों, दूध, चीनी, खाद्य तेल, घी, मांस, अंडे और दालों की कीमतों में दो से तीन गुना तक बढ़ोतरी देखने को मिली है। अब रमजान के लिए पाकिस्तान के लोग खुद को आवश्यक वस्तुओं की बढ़ोतरी के लिए तैयार कर रहे हैं।
कुछ भ्रष्ट व्यापारियों द्वारा जल्दी पैसा कमाने की कोशिश के कारण देश भर में सभी वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इससे निम्न और मध्यम आय वाले उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रमजान महीने में कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हाल के महीनों में सामान्य तौर पर 31.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और कई खाद्य पदार्थों की दरों में रमजान से पहले ही 60 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है।
रमजान के कारण पाकिस्तान में प्याज की कीमत 150 पीकेआर (पाकिस्तानी रुपये) से बढ़कर अब 300 रुपये तक हो गई हैं। हालांकि, कुछ विक्रेता इसमें थोड़ी छूट देकर इसे 250 पीकेआर प्रति किलो से बेच रहे हैं। इसके अलावा फल, सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। आलू की कीमत 50 पीकेआर से बढ़कर 80 रुपये तक हो चुकी है।
वहीं गोभी की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। रमजान के कारण गोभी की कीमत 80-100 पीकेआर किलो से बढ़कर 150 पीकेआर हो गई है। हरी मिर्च को यहां 200 पीकेआर के बदले 320 पीकेआर प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। शिमला मिर्च भी 400 पीकेआर प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। हालांकि, पलक की कीमत में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
रमजान के महीने में फलों की बिक्री बढ़ जाती है। छोटे आकार के केले की कीमत 80 पीकेआर से बढ़कर 120 पीकेआर प्रति दर्जन हो गई है। वहीं अच्छे गुणवत्ता वाले बड़े केले 200 पीकेआर प्रति दर्जन पर बेचे जा रहे हैं। सेव की कीमत भी बढ़कर 200 पीकेआर हो गई है। खरबूजे की कीमत भी बढ़कर 150-200 पीकेआर हो चुकी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved