नई दिल्ली। अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) की अगली फिल्म ‘आई वांट टू टॉक’ एक ऐसे व्यक्ति की इमोशनल कहानी है जिसे यह बताया गया है कि उसके पास जीने के लिए सिर्फ 100 दिन बाकी हैं. यह फिल्म मौत और आत्म चिंतन जैसे विषयों पर गहराई से बात करती है. अभिषेक बच्चन ने बताया कि कैसे फिल्म की कहानी ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इस तरह की बीमारी का पता चलने पर एक व्यक्ति को किस-किस तरह के अनुभव हो सकते हैं.
एक्टर अभिषेक बच्चन ने कहा, ‘जब एक डॉक्टर आपको बताता है कि आपके पास जीने के लिए सिर्फ 100 दिन हैं, तो इसे स्वीकार करने और समझने में कुछ समय लगता है. एक बार जब यह बात समझ में आ जाती है, तो असली सवाल यह बन जाता है कि मेरे पास जो समय बचा है, उसका मैं क्या करूं? मैं क्या नहीं करना चाहता? मुझे किस चीज को खत्म करना चाहिए?’
फिल्म की कहानी है काफी दिलचस्प
अभिषेक बच्चन ने इस बात पर ध्यान दिलाया कि कैसे ऐसी स्थिति व्यक्ति को अपनी निजी और इमोशनल प्रायरिटी का सामना करने के लिए मजबूर करती है. वे कहते हैं, ‘क्या मैं कल उठूंगा? क्या यह मेरी आखिरी रात होगी? मैं अपनी आखिरी रात कैसे जीना चाहता हूं?’ उन्हें किसी के अंतिम दिनों पर विचार करना दिलचस्प और प्रेरणादायक दोनों लगा.
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