नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) से पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (Kolkata) के ब्रिगेड ग्राउंड में रैली (Rally at Brigade Ground) कर अपनी ताकत दिखाई. इस रैली के माध्यम से माकपा ने एक ओर जहां केंद्र की बीजेपी सरकार (BJP government at the center) पर जमकर हमला बोला और केंद्र की नीतियों की आलोचना की. वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी की आलोचना की. बता दें कि माकपा और तृणमूल कांग्रेस इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन माकपा ने ऐलान कर दिया है कि बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर एक हैं, लेकिन बंगाल में उनकी लड़ाई टीएमसी और बीजेपी के साथ होगी. उसी तरह से ममता बनर्जी ने भी साफ कर दिया है कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस लड़ेगी.
टीएमसी ने कांग्रेस के लिए केवल दो सीटें देने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन माकपा के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी है. कांग्रेस भी ममता के प्रस्ताव से नाराज हैं. ऐसे में साफ है कि बंगाल की सियासत में सियासत का खेल शुरू हो गया है. आज की ब्रिगेड रैली के बाद माकपा ने साफ कर दिया है कि इंडिया गठबंधन में भले ही वे टीएमसी के साथ हैं, लेकिन बंगाल की धरती पर उनकी लड़ाई जितनी बीजेपी से है, उतनी ही ममता बनर्जी से भी है और वे चुनौती देने के लिए तैयार हैं.
हालांकि रैली में माकपा नेताओं ने कांग्रेस को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. इससे संदेश साफ है कि बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और माकपा लोकसभा चुनाव में एक साथ आ सकते हैं और बंगाल में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. बता दें कि इसके पहले बंगाल में कांग्रेस और माकपा मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं. बता दें कि पश्चिम बंगाल में 34 साल तक शासन करने के बाद साल 2011 में ममता बनर्जी ने लेफ्ट को पराजित कर मां, माटी, मानुष की सरकार बनाई थी. उसके बाद से माकपा लगातार अपना जनाधार खो रही थी. 2014 के लोकसभा चुनाव, 2016 के विधानसभा चुनाव, 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव में माकपा का प्रदर्शन लगातार गिरता रहा है.
कभी बंगाल में राज करने वाली माकपा के फिलहाल बंगाल में न तो एक सांसद हैं और न ही एक विधायक हैं. लेकिन पंचायत चुनाव में माकपा ने पहले की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया था. अब साल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले माकपा ने फिर से अपनी ताकत बढ़ानी शुरू की. माकपा के युवा संगठन डीवाईएफआई ने रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में बड़ी रैली की. इस रैली से माकपा नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार और बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार पर जमकर हमला बोला.
लोकसभा चुनाव के पहले माकपा की ब्रिगेड रैली अपनी ताकत का प्रदर्शन माना जा रहा है. माकपा की ब्रिगेड रैली के दौरान पूरा मैदान खचाखच भरा हुआ था. ब्रिगेड रैली में पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के संदेश का पाठ भी किया गया. इस पाठ के माध्यम से युवाओं में उत्साह भरने की कोशिश की गयी. इंसाफ यात्रा की समाप्ति पर हुई इस रैली से माकपा ने ममता बनर्जी को अपनी ताकत दिखाई है. साथ ही बीजेपी को भी चुनौती दी है.
‘इंसाफ यात्रा’ के समापन पर रविवार को कोलकाता की ब्रिगेड की रैली में अनगिनत कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए. पार्टी नेता मीनाक्षी मुखोपाध्याय ने उन्हें याद दिलाया कि भले ही ‘इंसाफ यात्रा’ खत्म हो गई है, लेकिन न्याय की लड़ाई खत्म नहीं हुई है. वे उस मैदान पर कब्जा करने आये हैं. सीपीएम नेता और माकपा राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि लड़ाई इसी ब्रिगेड से शुरू हुई. उन्होंने यह भी कहा कि वामपंथियों ने पंचायत चुनाव में ‘ट्रेलर’ दिखाया. इस बार फिल्म दिखाई जाएगी.
मोहम्मद सलीम ने कहा, ”मणिपुर में बीजेपी सरकार. दिल्ली भी. जब से बीजेपी आई है, तब से तृणमूल के हाथ मजबूत हो गए हैं. जब चौकीदार ही चोर है तो क्या होगा.” उन्होंने आगे कहा, “उनका एक ही लक्ष्य है, अपने परिवार की रक्षा करना है.” सलीम ने तंज कसा, ”ममता ने कहा था प्लानिंग बोर्ड की मीटिंग में मत जाओ, लेकिन वह एक मीटिंग के लिए तीन दिन के लिए दिल्ली चली गईं और भतीजा का बचा लिया.”
सलीम ने कहा, ”जो लोग चोरी कर रहे हैं, राज्य की जनता उन्हें सजा देना चाहती है. युवाओं को देखते हुए आप ऐसा कर सकते हैं. 56 नहीं, 356 नहीं, मुट्ठी बांधे हाथ आसमान की तरफ उठाओ, सिर ऊंचा करके कसम खाओ, बंगाल को बचाने की, हमारी कला, संस्कृति, घर, मां-बहन के सम्मान, परंपरा, इतिहास की रक्षा करने की, अगर तुम हो एकजुट, कोई भी दिल्ली ऐसा नहीं कर सकती.”
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