भोपाल: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों (Preparations for Lok Sabha elections in Madhya Pradesh) में जुटी बीजेपी ‘गांव चलों अभियान’ (Go to village campaign) के तहत प्रदेश में 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर चल रही है. लेकिन इस लक्ष्य में पार्टी ने एक और नया टास्क जोड़ा है, जिसमें सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) समेत उनकी कैबिनेट के सभी मंत्री (all cabinet ministers) भी जुटेंगे. इसके अलावा पार्टी के सीनियर पदाधिकारी, विधायक और सांसद भी इस टास्क को सफल बनाने में अपना योगदान देंगे. यह पूरा प्लान लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है.
दरअसल, बीजेपी ने गांव चलों अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आगामी लोकसभा चुनाव में 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में बीजेपी ने प्लान बनाया है, विधानसभा चुनाव में जिन क्षेत्रों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, उन क्षेत्रों में बीजेपी के बड़े नेता रात गुजारेंगे. सीएम मोहन समेत उनके मंत्री, बीजेपी के सांसद विधायक और बड़े पदाधिकारी गांव में रात बिताएंगे और जनता से संवाद करेंगे, ताकि उनकी समस्याओं को समझा जा सके और आगामी लोकसभा चुनाव में हार को जीत में बदला जा सके.
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को वार्मअप करने के लिए 9 फरवरी से बीजेपी ‘गांव चलों अभियान’ चलाने वाली है. गांव चलो अभियान के तहत भाजपा नेता न केवल गांवों में बल्कि मंदिरों में भी रुकेंगे और लोगों से संवाद करेंगे. इसके अलावा खिलाड़ियों समाजसेवियों से भी विकास के सुझाव लिए जाएंगे. जिसमें राम मंदिर से लेकर भाजपा सरकार के दूसरे सभी बड़े फैसले जन-जन तक पहुंचाने के प्लान पर काम किया जाएगा. मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद और विधायक को उन गांव और शहरी वार्डों में एक रात और एक दिन बिताने को भेजा जाएगा, जहां बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में इस अभियान से दिग्गज नेताओं की साख भी अब दांव पर होगी.
दरअसल, प्रदेश के सिनेरियों की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में 53 हजार से ज्यादा गांव और करीब 44 हजार शहरी वार्ड है, जिनमें 65 हजार बूथ हैं, ऐसे में बीजेपी इन बूथों को कवर करने की तैयारी में हैं. बता दें कि पार्टी को विधानसभा चुनाव में जबरदस्त सफलता मिली है, लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. छिंदवाड़ा, श्योपुर, बड़वानी समेत ऐसे कई जिले हैं जहां बीजेपी को करारी हार का सामना परना पड़ा था, ऐसे में पार्टी का इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा फोकस होगा.
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