नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में मची सियासी खींचतान का फायदा (BJP) उठा रही है। राज्य (State) में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव (Assembly elections) से पहले कांग्रेस पार्टी (Congress Party) में भगदड़ शुरू हो गई है। पहले मुख्यमंत्री (Chief Minister ) पद से हटाए जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने नई पार्टी बनाकर बीजेपी (BJP) से गठजोड़ कर लिया और अब कांग्रेस (Congress) के दो मौजूदा विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। केंद्रीय मंत्री को पंजाब(Punjab) के प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की मौजूदगी में मंगलवार को कांग्रेस विधायक फतेह सिंह बाजवा और बलविंदर सिंह लाड्डी ने बीजेपी जॉइन की। इनके अलावा पंजाब में ईसाई समुदाय के बड़े नेता कमल बक्शी, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Job – Haryana High Court) के सेवानिवृत्त वकील मधुमीत, कारोबारी जगदीप सिंह धालीवाल और पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया (Former Cricketer Dinesh Mongia) भी बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए हैं।
फतेह सिंह (Fateh Singh) के बड़े भाई प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) भी कादियां से विधान सभा चुनाव (Assembly elections) लड़ना चाहते हैं और इसे लेकर मौजूदा विधायक फतेह सिंह नाराज थे। ऐसे में पिछले दिनों चुनावी रैली में सिद्धू ने फतेह सिंह की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। अब माना जा रहा है कि इस सीट पर दो भाइयों के बीच चुनावी जंग देखने को मिल सकती है। कादियां से विधायक फतेह सिंह बाजवा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा के भाई हैं। बाजवा के अलावा हरगोबिंदपुर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक बलविंदर सिंह लड्डी भी भाजपा में शामिल हो गए। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बीते हफ्ते इन दोनों विधायकों की उम्मीदवारी का समर्थन किया था लेकिन अब दोनों ने ही पार्टी को अलविदा कह दिया है। ये नेता ऐसे समय में भाजपा में शामिल हुए हैं जब एक दिन पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद भाजपा और इन दोनों नेताओं के दलों के औपचारिक गठबंधन की घोषणा की गई। भाजपा में नेताओं का स्वागत करते हुए शेखावत ने कहा कि अन्य दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं क्योंकि पार्टी की पंजाब में पकड़ मजबूत हो रही है. पिछले कई दिनों में भाजपा पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नेताओं और प्रतिष्ठित शख्सियतों को पार्टी में शामिल कर रही है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर बीजेपी के सबसे पुराने साथी शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब में गठबंधन तोड़ दिया था। ऐसे में चुनाव से पहले पार्टी को नए साथियों की तलाश है। अमरिंदर सिंह की एंट्री से बीजेपी का खेमा मजबूत जरूर हुआ है लेकिन कांग्रेस के अलावा इस बार दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भी पंजाब में पूरा जोर लगा रही है। ऐसे में पंजाब का विधान सभा चुनाव ज्यादा दिलचस्प होने वाला है।
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