भोपाल: विधान सभा चुनाव के पहले सिंधिया समर्थक मंत्रियों द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से कई बड़ी योजना और परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के संबंध लगातार पत्राचार किया जा रहा है. ऐसा ही एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. इस पत्र में शिवराज सरकार के सिंधिया समर्थक जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट (Tulsi Silawat) में एक परियोजना को स्वीकृत करने के लिए शिवराज सिंह चौहान को आग्रह किया है.
मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट का सोशल मीडिया पर एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से माधवराव सिंधिया बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि जल संसाधन विभाग द्वारा कूनो नदी पर श्रीमंत माधवराव सिंधिया बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना प्रस्तावित की है.
इस परियोजना पर 6601 करोड़ रुपया खर्च किया जाना है, जिसमें 6 जलाशय का निर्माण होगा. इसके अलावा इस परियोजना के अमलीजामा पहनाने के बाद गुना, शिवपुरी, श्योपुर जिले की लगभग 200000 हेक्टेयर भूमि पर सुविधा सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. इसके अलावा ग्वालियर, चंबल अंचल की बृहद आबादी को पेयजल भी मिल जाएगा. इस परियोजना के लागू होने के बाद गुना, शिवपुरी, श्योपुर के 800 गांव के 200000 से अधिक परिवारों को फायदा मिलेगा.
पर्यटन और रोजगार के बढ़ेंगे साधन
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि परियोजना से सिंचाई और पेयजल की सुविधा के साथ-साथ चंबल क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. इसके अलावा पर्यावरण और जैविक विविधता संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण आयाम पूरे होंगे. इस महत्वाकांक्षी परियोजना को तीन चरणों में पूर्ण किया जाना है. परियोजना का सर्वेक्षण भी हो चुका है. प्रथम चरण में डीपीआर तैयार कि जाकर परीक्षण भी किया जा रहा है.
ग्वालियर-चंबल में पैर होंगे मजबूत
विधानसभा चुनाव 2018 में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से बीजेपी को करारी शिकस्त मिली थी. क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस में रहते हुए अपने प्रभाव वाले इलाकों से कांग्रेस को काफी बढ़त दिलाई थी. इस बार यही बढ़त बीजेपी को दिलाने की कोशिश हो रही है. इस परियोजना के जरिए ग्वालियर-चंबल इलाके के किसानों को अपनी और आकर्षित करने की बड़ी रणनीति है. शायद यही वजह है कि सोची समझी रणनीति के तहत पत्र वायरल किया गया हो.
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