• img-fluid

    चुनाव से पहले CM केजरीवाल और ओवैसी ने UP में बिगाड़ा विपक्ष का गणित

  • December 17, 2020

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिन में घटे राजनीतिक घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद कई दलों खासकर विपक्ष का राजनीतिक गणित बिगड़ सकता है।

    दिल्ली की तरह मुफ्त बिजली ,पानी और मोहल्ला क्लिनिक की बात कर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे तो एआईएमआईएम के ओवैसी की नजर उन जिलों पर है जहां मुसलमाना मतदाताओं की अच्छी संख्या है। वो बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी छोटी पार्टी से गठबंधन कर अपनी पैठ बनाना चाहते हैं।

    इसी क्रम में उन्होंने बुधवार को सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से बात की और साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की। ओवैसी की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से भी बात हो रही है। हो सकता कि शिवपाल सिंह यादव भी ओवैसी वाले गठबंधन में शामिल हो।

    ओम प्रकाश राजभर ने पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था और चार सीटें जीती थी । इससे पहले वो 2012 में मुख्तार अंसीरी की पार्टी कौमी एकता दल के साथ मिलकर लड़े थे और खाली हाथ रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर को अपने कैबिनेट में भी शामिल किया था । लेकिन बाद में वो अगल हो गये और मंत्री पद से त्यागपत्र भी दे दिया।

    ओवैसी ने चुनाव लड़ने की बात कर समाजवादी पार्टी ,कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी की परेशानी बढ़ा दी है। चुनाव में इन दलों को मुसलमानों के 90 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलते रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में भी ओवैसी ने राष्ट्रीय जनता दल तथा कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाकर पांच सीटें जीत ली थी। ओवैसी की नजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बागपत, आगरा, गाजियाबाद, अमरोहा और अलीगढ़ जिले की सीटों पर है जहां मुसलमान बड़ी संख्या में हैं।

    सपा को उत्तर प्रदेश के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुसलमानो के 60 प्रतिशत तक वोट मिलते रहे हैं। ओवैंसी जातीयसमीकरण के साथ सपा के मजबूत वोट बैंक में सेंध लगायेंगे । भाजपा की बी टीम कहे जाने वाले ओवैसी के आने से सपा को अपना किला बचा कर रखना होगा तो मुस्लिम वोट के बंटने से भाजपा फासदे में रह सकती है।

    आप के आने से भाजपा की भी मुश्किल बढ़ सकती है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली की तरह लोक लुभावन घोषणा कर गरीब और मध्यम वर्गीय मतदाताओं को प्रभावित कर सकते है। इसलिये अरविंद केजरीवाल की उत्तर प्रदेश चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही भाजपा आक्रामक हो गई। भाजपा उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा कि लोग भूले नहीं हैं कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में रहने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को धोखे से कोरोना काल में सड़क पर ला कर छोड़ दिया था। उन सभी लोगों को उत्तर प्रदेश सरकार ने रोजगार मुहैया कराया। अभी तो राजनीतिक घटनाक्रम और तेजी से बदलेंगे और अपना अपना वोट बैंक बचाये रखने के लिये क्या उपाय करती हैं यह देखना दिलचस्प होगा।

    Share:

    मिशन बंगाल : भाजपा ने 7 और केंद्रीय पर्यवेक्षकों को बंगाल भेजा

    Thu Dec 17 , 2020
    कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी के लिए 2021 का बंगाल विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण हो गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य के 23 जिलों में हरहाल में जीत दर्ज करने के लिए पार्टी ने पहले ही राज्य को पांच जोन में बांटकर पांच केंद्रीय पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया था। अब […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved