भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ, लेकिन नेता बाबाओं की चौखट (Baba’s frame) पर सिर झुकाते नजर आ रहे हैं। चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी सभी पार्टियां अपने-अपने वोटरों को लुभाने में लगी हुई हैं! विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इस बार चुनाव में सभी पार्टियां प्रचार और प्रसार का नया तरीका अपना रही हैं।
चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में बाबाओं और राजनेता के बीच रिश्ता गहरा होता जा रहा है। विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ, लेकिन नेता बाबाओं की चौखट पर सिर झुकाते नजर आ रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कंप्यूटर बाबा का खासा दबदबा देखा गया था, वहीं इस बार अभी से ही कई बाबा चर्चाओं में हैं।
बागेश्वर धाम यानी पंडित धीरेंद्र शास्त्री, प्रदीप मिश्रा, पंडोखर सरकार, जया किशोरी, रावतपुरा सरकार संत रविशंकर और कमल किशोर नागर के पंडाल हर नेता अपने चुनावी क्षेत्र में सजा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने गढ़ छिंदवाड़ा में हिंदू राष्ट्र समर्थक पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन करवाया. कमलनाथ ने इस कार्यक्रम में कई धर्मगुरुओं को तो बुलाया ही था साथ ही धीरेंद्र शास्त्री की आरती भी उतारी।
वहीं बीजेपी नेता भी बाबाओं को साधने में पीछे नहीं हैं। हाल ही में बीजेपी से मंत्री विश्वास सारंग ने अपने विधानसभा क्षेत्र नरेला में पंडित प्रदीप मिश्रा (रुद्राक्ष वाले बाबा) की कथा का आयोजन करवाया था। उन्होंने पूरे नरेला क्षेत्र में प्रदीप मिश्रा के साथ भव्य शोभा यात्रा भी निकाली थी। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ की देखरेख में प्रदीप मिश्रा का भी कार्यक्रम छिंदवाड़ा में हो रहा है. इस आयोजन के दौरान बड़े पैमाने पर मुफ्त में रुद्राक्ष वितरण की भी योजना है।
कथा वाचक जया किशोरी भी उत्तर भारत के राज्यों में खासी लोकप्रिय हैं. उन्हें बड़ी संख्या में युवा फॉलो करते हैं। इसे देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस के नेता उन्हें भी कार्यक्रमों में आमंत्रित कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने भोपाल में बीजेपी के विकास विरानी और इंदौर के पास महू में कांग्रेस के जीतू ठाकुर के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में दिखाई दी थीं। इससे पहले जया किशोरी कांग्रेस नेता मितेंद्र दर्शन सिंह के लिए ग्वालियर में हुए कार्यक्रम में भी भाग ले चुकी हैं, हालांकि जया किशोरी विवादास्पद बयान नहीं देती हैं, लेकिन भीड़ खींचने वाले लोगों में उनका प्रभाव ज्यादा माना जाता है। दूसरी ओर राघौगढ़ में भी शास्त्री जी की कथा का आयोजन किया गया, जहां पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह बागेश्वर बाबा की मेजबानी करते दिखे।
सूत्रों के मुताबिक जयवर्धन सिंह छतरपुर से अपनी पार्टी के विधायक आलोक चतुर्वेदी के जरिए धीरेंद्र शास्त्री से अपने संबंध बनाए रखते हैं। यह भी कहा जाता है कि शास्त्री को एक धार्मिक नेता के रूप में इस स्थान पर लाने के पीछे उनका ही हाथ था।
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