राजबाड़ा से हटाए गए दुकानदार रोजगार और समान न्याय की मांग करेंगे सीएम से
इंदौर। मुख्यमंत्री (Chief Minister) के इंदौर पहुंचने के पहले आज शाम बापट चौराहे (Bapat intersection) पर राजबाड़ा से हटाए गए फुटपाथी दुकानदार (sidewalk shopkeeper) गिरफ्तारी देने पहुंचेंगे। उनका कहना है कि उन्हें बेरोजगार कर दिया गया है, जबकि पथ व्यवसायी कानून के तहत उन्हें हटाया नहीं जा सकता। दुकानदारों का आरोप है कि प्रशासन (administration) ने उनके साथ भेदभाव किया है, उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
कल नगर निगम (municipal Corporation) और पुलिस (Police) के अधिकारियों के साथ राजबाड़ा (Rajbada) क्षेत्र की 7 व्यापारिक एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और व्यापारियों की बैठक में दुकानों के बाहर सामान न रखने और बाजार में ट्रैफिक जाम (traffic jam) न हो, इसको लेकर भी बात की गई। दूसरी ओर यहां से हटाए गए फुटपाथी दुकानदारों ने आज सामूहिक मौन रखकर मुख्यमंत्री (Chief Minister) के आने के पहले गिरफ्तारी देने का निर्णय लिया है। सभी दुकानदार दोपहर 2 बजे बापट चौराहा (Bapat intersection) पर इक_ा होंगे। राजबाड़ा पथ व्यवसायी संघ के राजेश बिडक़र (Rajesh Bidkar) के नेतृत्व में ये दुकानदार मुख्यमंत्री (Chief Minister) से मिलने की मांग कर रहे हैं। कल इनमें से कुछ भाजपा कार्यालय पर नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे से मिलने भी पहुंचे थे, लेकिन वे नहीं मिल पाए। कमल राजोरिया, कुंदन जायसवाल, यूसुफ खान, अवतारसिंह सलूजा के साथ अन्य दुकानदारों ने आरोप लगाया कि पथ विक्रेता अधिनियम (street vendors act) 2014 तथा पथ विक्रेता जीविका संरक्षण अधिनियम 2019 का पालन नहीं हो रहा है। हमारे पुनर्वास के लिए भी निगम ने किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया। कुछ व्यापारियों को खुश करने के लिए निगम ने सैकड़ों दुकानदारों की रोजी-रोटी छीन ली। हालांकि दुकानदारों ने कहा कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) एक ओर तो लोगों को रोजगार देने की बात करते हैं, लेकिन उनके ही अधिकारी गरीबों से रोजगार छीन रहे हैं। इसलिए सभी ने गिरफ्तारी देने का फैसला लिया है।
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