नई दिल्ली: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ की जांच के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. हाई कोर्ट ने मामले की सच्चाई जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमिटी बनाने की बात कही थी. राज्य सरकार ने इसका विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह 8 नवंबर को मामले पर सुनवाई करेगा.
2 जजों की बेंच के अध्यक्ष जस्टिस सुधांशु धुलिया ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है. वह सुनवाई से पहले फ़ाइल को पढ़ना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल हेमंत सोरेन सरकार के लिए पेश हुए. उन्होंने कहा कि झारखंड कोई सीमावर्ती राज्य नहीं है लेकिन राजनीतिक कारणों से ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे वहां बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो चुकी है.
2 जजों की बेंच के सदस्य जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने इस बात पर सवाल उठाया कि हाई कोर्ट ने मामले में क्यों दखल दिया. जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, “यह विषय राज्य सरकार के देखने का है. हाई कोर्ट को दखल देने की क्या ज़रूरत थी?” झारखंड हाई कोर्ट ने दानियाल दानिश नाम के याचिकाकर्ता की जनहित याचिका को सुनते हुए घुसपैठ के आरोपों को गंभीर माना था.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट बताया था कि संथाल परगना समेत झारखंड के कई इलाकों में आबादी का संतुलन बिगड़ा है. बांग्लादेशी घुसपैठ इसकी वजह हो सकती है. केंद्र ने यह भी बताया था कि कभी आदिवासी बहुल रहे इलाकों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को बड़े पैमाने पर गिफ्ट डीड के ज़रिए ज़मीन मिल रही है.
हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े तथ्यों की पड़ताल की ज़रूरत बताई थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि इसके लिए फैक्ट फाइंडिंग कमिटी बनाई जानी चाहिए. हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा था कि वह कमिटी के लिए अधिकारियों के नाम सुझाएं.
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