डेस्क: सनातन परंपरा में भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं जो यदि किसी की भक्ति से प्रसन्न हो जाएं तो उसके लिए कुबेर का खजाना बरसा दें और क्रोधित हो जाएं तो अपनी तीसरे नेत्र से पूरे ब्रह्माण्ड को भस्म कर दें. देवों के देव महादेव (Mahadev) की पूजा के लिए सोमवार का दिन अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है. सोमवार के दिन विधि-विधान से औढरदानी भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. भगवान शिव की पूजा में अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए अलग-अलग शिवलिंग (Shivling) की पूजा का विधान है. आइए जानते हैं कि किस मनोकामना की पूर्ति के लिए किस शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए.
सोने का शिवलिंग : यदि जीवन में बहुत प्रयास करने के बाद भी आपको धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा नहीं मिल पा रही है और हर समय पैसे की किल्लत बनी रहती है तो आपको आर्थिक दिक्कत को दूर करने और सुख-समृद्धि को पाने के लिए सोने से बने शिवलिंग की पूजा करना चाहिए.
चांदी का शिवलिंग : स्वर्ण से बने शिवलिंग की तरह चांदी से बने शिवलिंग की पूजा शुभ फल दिलाने वाली मानी गई है. मान्यता है कि सोमवार के दिन चांदी से बने शिवलिंग की पूजा का विशेष फल मिलता है और साधक को भगवान शिव समेत चंद्र देवता की कृपा भी प्राप्त होती है और उसके पास जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है.
पीतल का शिवलिंग : यदि आप स्वर्ण या फिर चांदी से बने शिवलिंग की पूजा न कर पाएं तो आप पीतल के बने शिवलिंग की पूजा करके भी देवों के देव महादेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. मान्यता है कि पीतल से बने शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा, रुद्राभिषेक आदि करने पर साधक की सारी आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं और उसे सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है.
स्फटिक का शिवलिंग : देवों के देव महादेव को मनाने के लिए स्फटिक से बने शिवलिंग की पूजा अत्यंत ही शुभ मानी गई है. मान्यता है कि स्फटिक से बने शिवलिंग का पूजा करने से साधक की शीघ्र ही महादेव से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है.
पार्थिव शिवलिंग : यदि आप सोने, चांदी, पीतल या स्फटिक से बने शिवलिंग की पूजा कर पाने में खुद को असमर्थ पाते हैं तो आपको पार्थिव लिंग की पूजा करना चाहिए. सनातन परंपरा में भगवान शिव की जितने भी प्रकार से पूजा की विधियां बताई गई हैं, उनमें पार्थिव पूजा का अत्यंधिक महत्व है. पौराणिक ग्रंथों में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से करोड़ों यज्ञों के समान फल बताया गया है. पार्थिव यानि मिट्टी से बने शिवलिंग की पूजा करने से साधक की बड़ी से बड़ी मनोकामना पूरी होती है.
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