उज्जैन। करीब 800 वर्ष बाद एक दुर्लभ घटना होने जा रही है। बृहस्पति ओर शनि ग्रह का सुंदर मिलन 21 दिसंबर को होगा। इसे खगोल शास्त्र की भाषा में ग्रहों की अंशात्मक युति कहा जाता है। जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रसाद गुप्त ने हिस को बताया कि बृहस्पति ग्रह सूर्य से 77.8 करोड़ किमी दूर है। इसका व्यास 143760 किमी है। जोकि पृथ्वी से लगभग 1300 गुना बड़ा है। यह सूर्य की एक परिक्रमा 11.9 वर्ष में पूर्ण करता है। इसीप्रकार अपनी वलय के कारण सबसे सुंदर दिखने वाला शनि ग्रह सूर्य से 142.7 करोड़ किमी दूर है। इसका व्यास 120420 किमी है। यह सूर्य की एक परिक्रमा 29.5 वर्ष में पूर्ण करता है। सायन गणना के अनुसार 21 दिसंबर को बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में शून्य डिग्री 23 मिनिट एवं शनि ग्रह कुंभ राशि में शून्य डिग्री 26 मिनिट रहेगा। दोनों ग्रहों में केवल शून्य डिग्री 3 मिनिट का अंतर रहेगा। इसके कारण यह अत्यधिक नजदीक दिखाई देंगे। इसे ही दोनों ग्रहों की अंशात्मक युति कहा जाता है। यह घटना 800 वर्ष बाद होती है।
21 दिसंबर, 2020 को सूर्य धनु राशि में 29 डिग्री 51 मिनिट पर रहेगा। जिससे सूर्य एवं इन ग्रहों में लगभग 30 डिग्री का अंतर रहेगा। जिसके कारण इन ग्रहों को दो तारों के रूप में आप लगभग एक घण्टा ही स्पष्ट रूप से सूर्यास्त के बाद क्षितिज से लगभग 30 डिसे उपर पश्चिम की ओर निकट की स्थिति में देख सकते हैं। दोनों तारें 21 दिसंबर को धीरे-धीरे अत्यन्त निकट स्थिति में आ जाएंगे। यह अद्भुत नजारा है। इसके बाद ये दूर होने लगेंगे। इसका अवलोकन आज से ही लोग कर सकते हैं। 21 दिसंबर तक सुंदरता बढ़ती चली जाएगी।