नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अभिनेता और तमिलनाडु के पूर्व विधायक एस वे शेखर (S Way Shekhar) की तरफ से दायर एक याचिका (petition) को खारिज (dismissed) कर दिया है. इस याचिका में अभिनेता ने 2018 में कथित तौर पर महिला पत्रकारों (women journalists) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों वाली एक फेसबुक (Facebook) पोस्ट शेयर की थी और इसी मामले पर शनिवार (19 अगस्त) को सुनवाई हुई. इसके साथ ही कोर्ट ने सोशल मीडिया को लेकर सलाह भी दी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया यूजर्स (social media users) को इसके प्रभाव और पहुंच के बारे में सावधान रहना चाहिए. सुनवाई के बाद जस्टिस बीआर गवई (Justice BR Gavai) और जस्टिस प्रशांत कुमार (Justice Prashant Kumar) की बेंच ने कहा कि सोशल मीडिया पर अपमानजनक या अभद्र पोस्ट करने वालों को सजा मिलना जरूरी है. एस वे शेखर ने पोस्ट से संबंधित आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग वाली याचिका लगाई थी जिसे खारिज कर दिया गया है.
वकील के तर्क पर क्या बोला कोर्ट
अभिनेता के वकील ने तर्क दिया कि घटना के दिन शेखर ने अपनी आंखों में कुछ दवा डाल ली थी, जिसके कारण वह शेयर की गई पोस्ट को नहीं पढ़ सके. पीठ ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी होगी. इसमें कहा गया कि अगर किसी को सोशल मीडिया का इस्तेमाल जरूरी लगता है तो उसे परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
इससे पहले हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि शेखर ने 19 अप्रैल, 2018 को अपने फेसबुक अकाउंट पर अपमानजनक और अश्लील टिप्पणी डाली थी. इसकी शिकायत चेन्नई पुलिस आयुक्त के सामने दर्ज की गई थी. इसके साथ ही तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ अन्य निजी शिकायतें भी दर्ज की गई थीं.
क्या है पूरा मामला?
एक महिला पत्रकार ने तमिलनाडु के तत्कालीन गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसे एस वे शेखर ने शेयर करते हुए अपनी राय दी थी. उनकी इस पोस्ट के बाद काफी विवाद हुआ था. यह पूरा मामला साल 2018 का है.
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