नई दिल्ली। आज के दौर में अधिकतर लोग देर रात तक जागते हैं. इसकी वजह से उनका स्लीपिंग पैटर्न बिगड़ जाता है और वे पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं. जानकारों की मानें तो स्वास्थ्य (Health) को बेहतर बनाए रखने के लिए हर दिन 6-7 घंटे की नींद जरूरी होती है. इससे कम सोने(sleep less) से फिजिकल और मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है. कम नींद लेने से मोटापा, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, डायबिटीज(diabetes), डिप्रेशन, एंजाइटी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. कम नींद लेने के नेगेटिव इफेक्ट्स (negative effects) के बारे में आपने कई बार सुना होगा. एक हालिया स्टडी में नींद को लेकर हैरान करने वाली बात सामने आई है. इसे सुनकर आपके लिए यकीन करना मुश्किल होगा. इस बारे में जान लेते हैं.
नींद से व्यवहार होता है प्रभावित
कई अध्ययनों से पता चला है कि अपर्याप्त नींद के कारण हमारे ब्रेन के उन हिस्सों की एक्टिविटी कम हो जाती है, जो सहानुभूति या मदद से जुड़े होते हैं. नींद से हमारा मूड और व्यवहार काफी प्रभावित होता है और यही वजह है कि प्रॉपर नींद न लेने की कंडीशन में अधिकतर लोगों का मूड अच्छा नहीं होता और इसकी वजह से दूसरों की मदद करने की इच्छा में गिरावट दर्ज की जाती है. सभी लोगों का व्यवहार इससे नहीं बदलता, लेकिन बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित होते हैं.
मेंटल प्रॉब्लम से राहत दिलाती है पर्याप्त नींद
अगर आप हर दिन 7-8 घंटे की नींद लेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ काफी बेहतर हो जाएगी. पर्याप्त नींद लेने से स्ट्रेस लेवल घट जाएगा और एंजाइटी व डिप्रेशन का खतरा भी कम हो जाएगा. इसके अलावा मोटापा और हार्ट डिजीज का खतरा पर्याप्त नींद लेने से काफी हद तक कम हो जाता है. लाइफस्टाइल को बेहतर बनाकर आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं. वर्तमान समय में अधिकतर बीमारियों की वजह बिगड़ती लाइफस्टाइल है. जानकार सभी लोगों को सकारात्मक बदलाव करने की सलाह देते हैं.
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