वाशिंगटन। टेक्सास यूनिवर्सिटी (Texas University) के कोलोरेक्टल सर्जन डॉ. लाई जू बताते हैं कि टॉयलेट में 10 मिनट से अधिक बैठने से गुदा और निचले मलाशय के पास की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित हो सकता है।
10 मिनट से अधिक समय बैठना कर सकता है नुकसान
टेक्सास यूनिवर्सिटी के कोलोरेक्टल सर्जन डॉ. लाई जू बताते हैं कि टॉयलेट में 10 मिनट से अधिक बैठने से गुदा और निचले मलाशय के पास की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित हो सकता है और बवासीर का खतरा बढ़ जाता है। स्टोनी ब्रुक मेडिसिन की डॉक्टर फराह मौनजुर भी कहती हैं कि टॉयलेट में बैठे रहने से पेल्विक एरिया पर दबाव बढ़ता है, जो रक्त संचार को प्रभावित करता है।
फोन और अन्य चीजें साथ ले जाने से बचें
विशेषज्ञों का मानना है कि टॉयलेट में अधिक समय तक बैठे रहने का एक कारण फोन या किताबों का साथ ले जाना है। इनकी वजह से लोग समय का अंदाजा नहीं लगाते और अतिरिक्त समय टॉयलेट में बिता देते हैं। डॉक्टर जू का कहना है कि मल त्यागने में दिक्कत होने पर टॉयलेट में देर तक बैठने के बजाय 10 मिनट वॉक करना बेहतर है।
लंबे समय तक बैठने से रक्त प्रवाह में रुकावट
टॉयलेट सीट पर ओवल शेप की वजह से रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे बवासीर जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषज्ञों ने बाथरूम में फोन और किताबें न ले जाने की सलाह दी है।
हाइड्रेशन रखें बरकरार
डॉ. लाई जू का सुझाव है कि बाउल मूवमेंट की समस्या वाले लोगों को अधिक फाइबर युक्त भोजन और हाइड्रेटिंग का ध्यान रखना चाहिए।
हां, विशेषज्ञों के अनुसार, टॉयलेट में 10 मिनट से अधिक समय बिताने से बवासीर और पेल्विक मसल्स कमजोर होने जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। लंबे समय तक बैठने से गुदा और मलाशय की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है।
कितनी देर तक टॉयलेट में बैठना सुरक्षित है?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि टॉयलेट में 5-10 मिनट का समय पर्याप्त होता है। इससे अधिक देर बैठने पर पेल्विक एरिया पर दबाव बढ़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
क्या टॉयलेट में मोबाइल या किताबें ले जाना ठीक है?
नहीं, टॉयलेट में फोन या किताबें ले जाना ठीक नहीं है। इससे लोग समय का ध्यान नहीं रख पाते और अधिक समय तक बैठे रहते हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
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