मुंबई (Mumbai)। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की संचालन परिषद की बुधवार को मुंबई में फ्रेंचाइजी मालिकों (franchise owners) के साथ बैठक होगी। बैठक के दौरान टीम के पर्स (खिलाड़ियों पर खर्च की जाने वाली रकम) को 120 करोड़ रुपये तक बढ़ाने और ‘राइट टू मैच’ (RTM)’ विकल्पों सहित छह खिलाड़ियों को टीम में बरकरार (retained) रखने पर सहमति बन सकती है। इस साल के आखिर में आईपीएल के लिए खिलाड़ियों की बड़ी नीलामी होगी। इससे पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) इस लीग के तौर-तरीकों को व्यवस्थित करने के लिए टीम मालिकों के साथ चर्चा करेगा।
बीसीसीआई टीम गठन पर नियमों को तय करने से पहले फ्रेंचाइजी मालिकों के विचारों को ध्यान में रखेगा। मौजूदा टीम के 100 करोड़ रुपये की पर्स को कम से कम 20 से 25 प्रतिशत बढ़ाने की जरूरत है।
इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा खिलाड़ियों को बनाए रखना है, जहां किसी सहमति पर पहुंचना मुश्किल हो सकता है क्योंकि ज्यादातर टीमों की अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं। एक बड़ी फ्रेंचाइजी ने आरटीएम सहित आठ खिलाड़ियों को टीम में बनाए रखने का सुझाव दिया है। इस बात की संभावना कम है कि ज्यादातर टीमें इससे सहमत नहीं होंगी। आईपीएल के तीन साल के चक्र में होने वाली नीलामी में एक विदेशी सहित चार खिलाड़ियों को बनाए रखने की अनुमति देता है। ऐसा माना जाता है कि ज्यादातर टीमें पांच से छह के बीच रिटेंशन चाहती हैं। इसमें विदेशी खिलाड़ियों के रिटेंशन पर भी टीमों के बीच सहमति बनानी होगी।
आईपीएल के एक सूत्र ने कहा, ”दिल्ली कैपिटल्स (जैक फ्रेजर-मैकगर्क और ट्रिस्टन स्टब्स) और सनराइजर्स हैदराबाद (पैट कमिंस, हेनरिक क्लासेन और ट्रेविस हेड) जैसी टीमें एक से अधिक विदेशी रिटेंशन चाहेंगी।” इस बैठक में इंपैक्ट प्लेयर नियम पर भी चर्चा होगी। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली खुल कर इसकी आलोचना कर चुके हैं लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स जैसे फ्रेंचाइजी को इससे करिश्माई पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को टीम में रखने का मौका मिलता है। धोनी ने पिछले आईपीएल में कई मैचों में आठवें क्रम पर बल्लेबाजी की थी।
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