मुंबई (Mumbai)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) (Board of Control for Cricket in India (BCCI)) ने इंदौर की पिच (Indore pitch) को ‘खराब’ बताने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) (International Cricket Council (ICC)) के फैसले को चुनौती दी है। बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला के तहत तीसरा टेस्ट मैच इंदौर में खेला गया था, जो की तीसरे दिन के पहले ही सेशन में भारतीय टीम की हार के साथ खत्म हो गया था। मैच के बाद मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड (match referee chris broad) ने पिच को खराब रेटिंग दी थी।
यह मैदान अब तीन डिमेरिट अंक हासिल कर चुका है। यह पांच साल की अवधि के लिए सक्रिय रहेगा। यदि इसे दो और डिमेरिट अंक दिए जाते हैं, तो इस मैदान को 12 महीनों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से निलंबित कर दिया जाएगा।
आईसीसी के मानदंडों के अनुसार, इस तरह की अपील आईसीसी के महाप्रबंधक-क्रिकेट, वसीम खान और भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली द्वारा सुनी और निर्धारित की जाती है, जो वर्तमान में आईसीसी मेन्स क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष हैं।
हालाँकि, गांगुली को प्रक्रिया से हटा दिया जाएगा क्योंकि वह भारत से हैं, जिसने विरोध दर्ज कराया है। इस प्रकार, आईसीसी इस प्रक्रिया के लिए गांगुली की जगह किसी और को नियुक्त करेगा।
ऑस्ट्रेलिया ने तीन दिनों के अंदर ही 9 विकेट से टेस्ट जीत लिया था, जिसमें भारत का स्कोर 109 और 163 था, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 197 और 78 रन बनाए। मैच, जो 1 मार्च को शुरू हुआ और 3 मार्च की सुबह समाप्त हुआ, में सात सत्रों में 31 विकेट गिरे, जिनमें से 26 विकेट स्पिनरों द्वारा लिए गए। मैच के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने पिच की आलोचना की थी।
आईसीसी के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए भारतीय बोर्ड के पास 17 मार्च (खेल के समापन के दो सप्ताह बाद) तक का समय था।
बीसीसीआई इस तथ्य से उत्साहित है कि इस तरह की एक अपील पर विचार किया जा रहा है और आईसीसी द्वारा फैसले को उलटा/संशोधित किया जा रहा है। पिछले साल, आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की एक अपील के बाद इंग्लैंड-पाकिस्तान टेस्ट के लिए रावलपिंडी में पिच के लिए ‘औसत से नीचे’ रेटिंग पर पुनर्विचार किया था।
आईसीसी मैच रेफरी ने रावलपिंडी की पिच को “बहुत सपाट” बताया था, लेकिन पीसीबी ने सफलतापूर्वक इस आधार पर फैसले के खिलाफ अपील की कि मैच का परिणाम निकला। आईसीसी ने इस तरह मैदान को दिए गए डिमेरिट प्वाइंट को रद्द कर दिया।
बीसीसीआई ने इस संबंध में मेजबान इकाई-मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के अनुरोध के बाद इंदौर की पिच पर ब्रॉड के फैसले को चुनौती दी।
एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित ने इंदौर से कहा, ‘पांच मार्च को हमने ईमेल के जरिए बीसीसीआई से (फैसले के खिलाफ) अपील दायर करने का अनुरोध किया था।’
आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने इंदौर की पिच के लिए फैसला सुनाते हुए अपनी रिपोर्ट में लिखा, “पिच, जो बहुत सूखी थी, शुरू से ही स्पिनरों के पक्ष में, बल्ले और गेंद के बीच संतुलन प्रदान नहीं करती थी। मैच की पांचवीं गेंद से ही पिच की सतह टूट गई और कोई सीम मूवमेंट नहीं हुआ और पूरे मैच के दौरान पिच पर अत्यधिक और असमान उछाल थी।”
हालाँकि, डिमेरिट अंक इंदौर को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने से नहीं रोकेंगे। पंडित ने कहा, “आईसीसी के नियमों के अनुसार, यदि किसी स्थान को 5 डिमेरिट अंक मिलते हैं, जो 5 साल की रोलिंग अवधि में जारी रहता है, तो वह अगले 12 महीनों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी नहीं कर सकता है। अगर हमें अगले 5 साल में कोई और डिमेरिट पॉइंट नहीं मिलता है, तो हम मैचों की मेजबानी करना जारी रखेंगे। जब हम अगली बार टेस्ट की मेजबानी करेंगे तो हमें पिच को लेकर दोगुना सतर्क रहना होगा।’ (एजेंसी, हि.स.)
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